दिल्ली हाईकोर्ट ने मध्य प्रदेश पुलिस पर शारीरिक हमले का आरोप लगाने वाले पत्रकार को सुरक्षा देने का आदेश दिया

Amir Ahmad

28 May 2025 4:17 PM IST

  • दिल्ली हाईकोर्ट ने मध्य प्रदेश पुलिस पर शारीरिक हमले का आरोप लगाने वाले पत्रकार को सुरक्षा देने का आदेश दिया

    स्वराज एक्सप्रेस समाचार चैनल के पत्रकार और भिंड ब्यूरो प्रमुख अमरकांत सिंह चौहान ने बुधवार को मध्य प्रदेश पुलिस अधिकारियों द्वारा कथित तौर पर जान से मारने की धमकी दिए जाने से सुरक्षा की मांग करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया।

    जस्टिस रविंदर डुडेजा ने दिल्ली पुलिस को चौहान को दो महीने के लिए सुरक्षा देने का निर्देश दिया और पत्रकार से कहा कि इस बीच वह आगे के कानूनी उपायों का लाभ उठाने के लिए संबंधित हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएं।

    चौहान की ओर से एडवोकेट वरीशा फरासत ने दलील दी कि मध्य प्रदेश पुलिस द्वारा पत्रकार पर शारीरिक हमला किया गया और उसे परेशान किया गया।

    उन्होंने आगे दलील दी कि पत्रकार अपनी जान के डर से मध्य प्रदेश से भाग गया और उसने इस मुद्दे पर प्रेस क्लब ऑफ इंडिया और NHRC में शिकायत दर्ज कराई।

    फरासत ने दिल्ली पुलिस के साथ-साथ मध्य प्रदेश पुलिस से भी स्टेटस रिपोर्ट तलब करने की प्रार्थना की तो न्यायालय ने मौखिक रूप से टिप्पणी की कि मध्य प्रदेश पुलिस से संबंधित किसी भी शिकायत के लिए पत्रकार को अधिकार क्षेत्र वाले हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाना होगा।

    जज ने टिप्पणी की,

    "हम आपको सुरक्षा देंगे। इस बीच आप क्षेत्राधिकार वाले हाईकोर्ट में जाएं और वहां अपनी समस्याएं लें।"

    अदालत ने याचिका का निपटारा करते हुए फरासत से उस संबंधित पुलिस थाने का विवरण प्रस्तुत करने को कहा जहां पत्रकार रह रहा है। अदालत ने यह भी कहा कि चौहान का नंबर संबंधित बीट अधिकारी और SHO के साथ साझा किया जाए।

    फरासत ने केवल दिल्ली पुलिस से सुरक्षा मांगने की प्रार्थना पर जोर दिया। याचिका में भिंड SP और उनके अधीनस्थों के खिलाफ त्वरित और निष्पक्ष कार्रवाई और जांच शुरू करने की भी मांग की गई। उक्त प्रार्थना पर जोर नहीं दिया गया।

    अपनी याचिका में चौहान ने कहा कि उन्होंने हाल ही में चंबल नदी में अवैध रेत खनन गतिविधियों के बारे में रिपोर्ट की थी, जो स्थानीय पुलिस की मिलीभगत से रेत माफिया द्वारा की जाती हैं।

    याचिका में आरोप लगाया गया कि उन्हें भिंड एसपी ने अपने चैंबर में बुलाया जहां उनके साथ मारपीट की गई।

    याचिका में आरोप लगाया गया कि चौहान और शशिकांत जाटव सहित अन्य पत्रकारों को शारीरिक रूप से प्रताड़ित करने और मारपीट करने से पहले उनके अधोवस्त्र उतार दिए गए।

    चौहान ने आरोप लगाया कि उन्हें और जाटव को एक बार फिर भिंड एसपी ने अपने कार्यालय में बुलाया, जहां उन्हें अन्य पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी में एक वीडियो बयान दर्ज करने के लिए मजबूर किया गया, जिसमें कहा गया कि उनके और मध्य प्रदेश पुलिस के बीच सभी मामले सुलझ गए।

    याचिका के अनुसार भिंड पुलिस के हाथों लगातार उत्पीड़न का सामना करने के बाद दोनों पत्रकार दिल्ली आ गए और अब अपने जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के लिए उचित खतरों के कारण मध्य प्रदेश लौटने में असमर्थ हैं।

    केस टाइटल: अमरकांत सिंह चौहान बनाम दिल्ली राज्य और अन्य।

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