हाईकोर्ट ने ED की शिकायत की सुनवाई योग्यता के खिलाफ अरविंद केजरीवाल की याचिका पर नोटिस जारी किया
Shahadat
12 Nov 2024 1:27 PM IST
दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार (12 नवंबर) को दिल्ली हाईकोर्ट का रुख कर कथित शराब नीति घोटाले में प्रवर्तन निदेशक (ED) द्वारा दायर की गई शिकायत की सुनवाई योग्यता को चुनौती दी।
उन्होंने ED की शिकायत पर उन्हें जारी किए गए समन को चुनौती देने वाली उनकी याचिका खारिज करने वाले 17 सितंबर को पारित ट्रायल कोर्ट के आदेश को चुनौती दी।
जस्टिस मनोज कुमार ओहरी की एकल पीठ ने याचिका पर नोटिस जारी किया और मामले में ED से जवाब मांगा।
केजरीवाल की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट रेबेका जॉन ने कहा कि जब सहायक निदेशक रैंक के एक ED अधिकारी द्वारा दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री को समन जारी किया गया तो उसी रैंक के दूसरे ED अधिकारी द्वारा शिकायत दर्ज नहीं की जा सकती थी। उन्होंने तर्क दिया कि ऐसा करना CrPC की धारा 195 के तहत वर्जित है।
CrPC की धारा 195 में कहा गया है कि शिकायत संबंधित लोक सेवक या किसी अन्य लोक सेवक द्वारा लिखित रूप में दर्ज की जानी चाहिए, जिसके वह प्रशासनिक रूप से अधीनस्थ है।
जॉन ने कहा,
“उसने वह अवधि पूरी कर ली, जिसके लिए वे (ED) मुझे दंडित कर सकते हैं। ED के सहायक निदेशक जोगिंदर द्वारा तीन समन जारी किए गए। शिकायत दूसरे सहायक निदेशक (संदीप शर्मा) द्वारा दर्ज की गई। चुनौती इस बात को लेकर है कि क्या वह शिकायत दर्ज कर सकता था।”
उन्होंने कहा कि केवल जोगिंदर ही शिकायत दर्ज कर सकता था। खासकर तब, जब उसने न तो पद छोड़ा था और न ही वह उपलब्ध था।
उन्होंने कहा,
“या तो जोगिंदर इसे दर्ज कर सकता था या उसका सीनियर। अगर लोक सेवक जोगिंदर किसी तरह से पद छोड़ता तो उसके समकक्ष रैंक का व्यक्ति इसे दर्ज कर सकता था। अगर जोगिंदर उपलब्ध था तो कानून के किस प्रावधान के तहत उसने संदीप शर्मा को शक्ति हस्तांतरित की? याचिका शिकायत की स्थिरता तक सीमित है, जब संबंधित अधिकारी उपलब्ध था।”
ED के विशेष वकील जोहेब हुसैन ने याचिका की स्वीकार्यता पर प्रारंभिक आपत्ति जताई।
उन्होंने कहा कि केजरीवाल की याचिका एक दूसरी पुनर्विचार याचिका है, जिसे CrPC की धारा 482 की आड़ में दायर किया गया, जो कानून में वर्जित है। उन्होंने यह भी तर्क दिया कि याचिका में उठाए गए आधार ट्रायल कोर्ट के समक्ष दायर किए गए आधार के समान हैं।
हालांकि, हाईकोर्ट ने याचिका में नोटिस जारी किया और इसे 19 दिसंबर को अगली सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया।
केजरीवाल को शराब नीति मामले से जुड़े ED और CBI दोनों मामलों में जमानत मिल चुकी है।
AAP प्रमुख को 26 जून को CBI ने औपचारिक रूप से गिरफ्तार किया था, जब वे मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय की हिरासत में थे।
केस टाइटल: अरविंद केजरीवाल बनाम ईडी