संपत्ति विवाद: दिल्ली हाईकोर्ट ने प्रिया कपूर को दिवंगत संजय कपूर की सभी संपत्तियों का ब्यौरा देने का निर्देश दिया
Amir Ahmad
10 Sept 2025 12:54 PM IST

दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार (10 सितंबर) को बॉलीवुड अभिनेत्री करिश्मा कपूर के बच्चों समायरा कपूर और किआन राज कपूर की याचिका पर सुनवाई करते हुए आदेश दिया कि दिवंगत संजय कपूर की दूसरी पत्नी प्रिय कपूर उनकी सभी चल-अचल संपत्तियों का पूरा ब्यौरा अदालत में पेश करें।
संजय कपूर का 12 जून, 2025 को निधन हो गया था। इसके बाद उनकी संपत्ति के बंटवारे को लेकर परिवार के भीतर विवाद सामने आया।
जस्टिस ज्योति सिंह ने आदेश दिया कि वाद को विधिवत सूट के रूप में दर्ज किया जाए। प्रतिवादियों को दो हफ्तों में लिखित बयान दाखिल करने तीन हफ्तों में जवाब और एक हफ्ते में प्रत्युत्तर (Rejoinder) दाखिल करने का निर्देश दिया गया।
साथ ही प्रतिवादी प्रिय कपूर को निर्देश दिया गया कि वे 12 जून 2025 तक दिवंगत की सभी संपत्तियों चल और अचल की सूची अदालत में दाखिल करें।
मामला अब 9 अक्तूबर को अंतरिम राहत पर विचार के लिए सूचीबद्ध है।
यह वाद संजय कपूर की पहली पत्नी करिश्मा कपूर से हुए बच्चों ने दायर किया। उनका कहना है कि वे क्लास 1 वारिस हैं और हमेशा उन्हें बताया गया कि कोई वसीयत मौजूद नहीं है। हालांकि 30 जुलाई को एक बैठक में अचानक एक वसीयत पढ़ी गई, जिसमें उन्हें पूरी तरह से बाहर रखा गया है।
सीनियर एडवोकेट महेश जेठमलानी ने अदालत में तर्क दिया कि यह वसीयत संदिग्ध परिस्थितियों में सामने लाई गई। उन्होंने कहा कि संजय कपूर हमेशा दस्तावेजों को व्यवस्थित रखते थे। फिर भी इस कथित वसीयत का रजिस्ट्रेशन तक नहीं कराया गया।
प्रिया कपूर की ओर से सीनियर एडवोकेट राजीव नायर ने अदालत को बताया कि वसीयत रजिस्टर नहीं है लेकिन इसके लिए रजिस्ट्रेशन आवश्यक भी नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि वसीयत पढ़े जाने से छह दिन पहले ही संजय कपूर द्वारा बनाए गए ट्रस्ट के तहत बच्चों को 1900 करोड़ रुपये मूल्य की सम्पत्तियां ट्रांसफर की जा चुकी थीं।
दिवंगत की मां रानी कपूर की ओर से एडवोकेट वैभव गग्गर ने कहा कि वे सात पोते-पोतियों की देखरेख करती हैं और संपत्ति को सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी उन पर है। उन्होंने कहा कि 10,000 करोड़ रुपये की संपत्तियों पर अनिश्चितता बनी हुई है और यथास्थिति बनाए रखने की ज़रूरत है।
इसी बीच प्रिया कपूर के नाबालिग बेटे की ओर से वकील अखिल सिब्बल ने दलील दी कि बच्चों का संदेह केवल अनुमान पर आधारित है,जबकि वसीयत 21 मार्च को गवाहों की उपस्थिति में विधिवत हस्ताक्षरित की गई थी।
मामला
याचिकाकर्ता बच्चों का कहना है कि यह कथित वसीयत अवैध, जाली और संदिग्ध परिस्थितियों में तैयार की गई। उन्होंने अदालत से मांग की कि प्रिया कपूर और अन्य प्रतिवादी इस कथित वसीयत के आधार पर उनकी पैतृक संपत्ति पर दावा न कर सकें।
याचिका में पिता की संपत्तियों में प्रत्येक बच्चे को 1/5वां हिस्सा दिए जाने के लिए प्रारंभिक डिक्री पारित करने और प्रतिवादियों को व्यक्तिगत संपत्तियों का पूर्ण ब्यौरा देने का निर्देश देने की मांग की गई।
टाइटल: Ms. Samaira Kapur & Anr. Versus Mrs. Priya Kapur & Ors

