दिल्ली हाइकोर्ट में कोर्ट रूम और DHCBA वकीलों के चैंबर्स के विस्तार के लिए अतिरिक्त स्थान की मांग वाली याचिका दायर

Amir Ahmad

30 April 2024 9:11 AM GMT

  • दिल्ली हाइकोर्ट में कोर्ट रूम और DHCBA वकीलों के चैंबर्स के विस्तार के लिए अतिरिक्त स्थान की मांग वाली याचिका दायर

    दिल्ली हाइकोर्ट में याचिका दायर की गई, जिसमें कोर्ट रूम्स और दिल्ली हाइकोर्ट बार एसोसिएशन (DHCBA) वकीलों के चैंबरों और पार्किंग के विस्तार के लिए अतिरिक्त स्थान की मांग की गई।

    DHCBA द्वारा दायर याचिका में केंद्र को निर्देश देने की मांग की गई कि वह राष्ट्रीय राजधानी के बापा नगर की पूरी भूमि को बुनियादी ढांचे की जरूरतों के लिए सौंप दे, जिससे आवासीय क्वार्टरों में रहने वाले मौजूदा लोगों को जीपीआरए योजना के तहत किसी भी नए बने फ्लैट में ट्रांसफर किया जा सके।

    जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद ने इस मामले की सुनवाई की।

    प्रार्थनाओं की प्रकृति को देखते हुए न्यायालय ने कहा कि मामले की सुनवाई एक्टिंग चीफ जस्टिस मनमोहन की अध्यक्षता वाली खंडपीठ द्वारा की जानी चाहिए। अब मामले की सुनवाई बुधवार को होगी।

    यह याचिका वकील नितेश मेहरा और सिद्धार्थ त्रिपाठी के माध्यम से दायर की गई। DHCBA के मानद सचिव संदीप शर्मा को अधिवक्ता निकाय की कार्यकारी समिति द्वारा याचिका दायर करने के लिए अधिकृत किया गया।

    याचिका में कहा गया कि पिछले कुछ वर्षों में दिल्ली हाईकोर्ट पर कार्यभार बढ़ा है, जिसके कारण वकीलों की संख्या में भी कई गुना वृद्धि हुई है। इसमें कहा गया कि वर्तमान में 35,000 वकील दिल्ली हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के सदस्य के रूप में रजिस्टर्ड हैं।

    याचिका में कहा गया कि दिल्ली हाइकोर्ट में अधिक कोर्ट रूम, वकीलों चैंबर्स, आधुनिक पुस्तकालय, कैंटीन, पार्किंग, बार रूम और वादियों के लिए सुविधाओं के लिए जगह की कमी है।

    इसमें आगे कहा गया कि पिछले साल जुलाई में दिल्ली हाइकोर्ट के विस्तार के लिए बुनियादी ढांचा उपलब्ध कराने की तत्काल आवश्यकता के बारे में अधिकारियों को प्रतिनिधित्व दिया गया, जिसमें दिल्ली हाइकोर्ट बार एसोसिएशन भी शामिल है।

    हालांकि याचिका में कहा गया कि प्रतिनिधित्व पर कोई कदम नहीं उठाया गया।

    याचिका में कहा गया,

    "बापा नगर में सरकारी आवासीय फ्लैट, जो हाइकोर्ट के बगल में हैं, उसको ट्रांसफर किया जा सकता है और फिर उनका पुनर्विकास किया जा सकता है। दिल्ली हाईकोर्ट परिसर से संबंधित भूमि पर बहुमंजिला इमारतों का निर्माण किया जा सकता है, जिसे हाइकोर्ट के विस्तार और उससे जुड़ी गतिविधियों के लिए दिया जा सकता है। यह वास्तव में माना जाता है कि बापा नगर क्षेत्र में लगभग 140-145 ऐसे फ्लैट होंगे।"

    इसमें कहा गया कि गरिमापूर्ण कार्य स्थल का प्रावधान न केवल न्याय प्रशासन के लिए पूर्व-आवश्यकता है, बल्कि कानून के शासन के अनुरूप न्याय प्रशासन में सभी हितधारकों की गरिमा सुनिश्चित करने के लिए भी है बल्कि कानून के शासन और व्यक्तिगत गरिमा के संरक्षण के लिए भी है।

    DHCBA की कार्यकारी समिति में निम्नलिखित शामिल हैं: सीनियर वकील मोहित माथुर (अध्यक्ष), वकील जतन सिंह (उपाध्यक्ष), वकील संदीप शर्मा (मानद सचिव), वकील अमित चड्डा (कोषाध्यक्ष), वकील नगिंदर बेनीपाल (संयुक्त सचिव) सीनियर वकील राकेश टिकू और इंद्रबीर सिंह अलग (नामित वरिष्ठ सदस्य कार्यकारी), वकील श्याम शर्मा, संजय दीवान, बंदना कौर ग्रोवर, धन मोहन, रजत मनचंदा, निशांत आनंद, गायत्री पुरी, नितेश मेहरा (सदस्य कार्यकारी) और सीनियर वकील कीर्ति उप्पल और वकील अभिजात (पदेन)।

    केस टाइटल- दिल्ली हाइकोर्ट बार एसोसिएशन और अन्य बनाम भारत संघ और अन्य।

    Next Story