पंजाब केसरी के खिलाफ गौतम गंभीर के मानहानि मामले में हुआ सुलह समझौता

Shahadat

21 March 2024 6:27 AM GMT

  • पंजाब केसरी के खिलाफ गौतम गंभीर के मानहानि मामले में हुआ सुलह समझौता

    पूर्व क्रिकेटर और BJP सांसद गौतम गंभीर द्वारा हिंदी दैनिक समाचार पत्र पंजाब केसरी और उसके पत्रकारों के खिलाफ दायर मानहानि का मुकदमा दिल्ली हाईकोर्ट के समक्ष सुलझा लिया गया।

    जज दिनेश कुमार शर्मा ने दोनों पक्षों के बीच हुए सुलह समझौते को देखते हुए वाद का निस्तारण कर दिया।

    अदालत ने 13 मार्च को पारित आदेश में कहा,

    “समझौते पर पक्षकारों द्वारा विधिवत हस्ताक्षर किए गए। दोनों पक्षकारों का कहना है कि उन्होंने बिना किसी अनुचित प्रभाव या दबाव के अपनी मर्जी से समझौता किया। सुलह समझौते को रिकार्ड में ले लिया गया। दोनों पक्षों को निपटान समझौते के नियमों और शर्तों से बाध्य माना जाता है।"

    04 मार्च का समझौता समझौता दिल्ली हाईकोर्ट मध्यस्थता और सुलह केंद्र में दर्ज किया गया।

    समझौते के अनुसार, गंभीर ने मुकदमा वापस लेने पर सहमति व्यक्त की और विवाद के लिए किसी भी अदालत में या किसी भी अदालत के समक्ष कोई मामला दायर नहीं करने का वचन दिया।

    अदालत ने कहा,

    “समझौते के मद्देनजर, लंबित आवेदन के साथ वर्तमान मुकदमे का निपटारा किया जाता है। तदनुसार डिक्री शीट तैयार की जाए और नियमों के अनुसार कोर्ट फीस वापस की जाए।”

    गंभीर ने अखबार और उसके पत्रकारों को उनके खिलाफ कथित रूप से कोई भी मानहानिकारक प्रकाशन करने से रोकने की मांग करते हुए मुकदमा दायर किया।

    पिछले साल मई में समन्वय पीठ ने गंभीर के पक्ष में कोई भी अंतरिम निषेधाज्ञा आदेश पारित करने से इनकार किया था, लेकिन पाया कि उनके खिलाफ प्रकाशित कई लेख पंजाब केसरी द्वारा उनकी नजरों में उनकी प्रतिष्ठा को कम करने के लिए शुरू किए गए "जानबूझकर अभियान" का संकेत हैं। ।

    पीठ ने कहा था,

    "आक्षेपित समाचार लेखों को पढ़ने पर इस न्यायालय की प्रथम दृष्टया राय है कि इनमें से कई लेख प्रतिवादियों द्वारा अपने घटकों, समर्थकों और बड़े पैमाने पर जनता की नजर में वादी की प्रतिष्ठा को कम करने के लिए शुरू किए गए जानबूझकर अभियान का संकेत देते हैं। इस अदालत की राय में प्रतिवादियों के प्रतिष्ठित और कद वाले अखबार को इस तरह के आचरण में शामिल होना शोभा नहीं देता है।”

    पंजाब केसरी, उसके प्रधान संपादक आदित्य चोपड़ा और तीन पत्रकारों को समन जारी किया गया। हालांकि, अदालत द्वारा कोई टेक डाउन आदेश या अंतरिम राहत नहीं दी गई।

    गंभीर के मुकदमे में उनके खिलाफ कुछ "दुर्भावनापूर्ण और झूठे प्रकाशन" प्रकाशित करने के लिए अखबार से बिना शर्त लिखित माफी की मांग की गई।

    एडवोकेट जय अनंत देहाद्राई के माध्यम से दायर मुकदमे में गंभीर ने पंजाब केसरी से 2 करोड़ रुपये का हर्जाना भी मांगा।

    गंभीर द्वारा 2022 से अखबार द्वारा प्रकाशित कुछ लेखों पर मानहानि का मुकदमा दायर किया गया। समाचार रिपोर्टों में "सांसद गौतम गंभीर लापता गली-गली में लगे पोस्टर", "दिल्ली के लापता संसद लखनऊ सुपर जायंट्स के लिए बने भस्मासुर" और "ये नये मिजाज के संसद है जरा फासलो से मिला करो" शामिल हैं।”

    गंभीर का मामला है कि अखबार और उसके रिपोर्टर उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से जानबूझकर झूठे और अपमानजनक लेख प्रकाशित कर रहे हैं।

    मुकदमे में कहा गया कि 23 नवंबर, 2022 को अखबार को कानूनी नोटिस देने और गंभीर के खिलाफ कोई भी मानहानिकारक प्रकाशन बंद करने के लिए कहने के बावजूद, आज तक कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली।

    केस टाइटल: गौतम गंभीर बनाम पंजाब केसरी और अन्य।

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