महज दोस्ती से सहमति के बिना यौन संबंध बनाने की आज़ादी नहीं मिल सकती: दिल्ली हाईकोर्ट
Amir Ahmad
25 July 2025 1:06 PM IST

दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि सिर्फ़ दोस्ती से किसी लड़के को लड़की की सहमति के बिना उसके साथ यौन संबंध बनाने की आज़ादी नहीं मिल सकती।
जस्टिस गिरीश कठपालिया ने कहा,
"सिर्फ़ इसलिए कि एक लड़की किसी लड़के से दोस्ती करती है, लड़के को उसकी सहमति के बिना उसके साथ यौन संबंध बनाने की आज़ादी नहीं दी जा सकती।"
अदालत ने यह टिप्पणी POCSO Act के मामले में व्यक्ति को ज़मानत देने से इनकार करते हुए की। आरोप लगाया गया कि निर्माण मज़दूर आरोपी ने नाबालिग लड़की को बहला-फुसलाकर उससे दोस्ती की और नवंबर, 2023 तक उसके साथ बार-बार बलात्कार किया।
उसका तर्क था कि यह दोनों पक्षकारों के बीच सहमति से बने संबंधों का स्पष्ट मामला है और कथित घटनाओं के समय पीड़िता वयस्क थी।
अदालत ने दलील खारिज करते हुए कहा कि पीड़िता की माँ की गवाही से चुनी गई एक भी पंक्ति को रिकॉर्ड में मौजूद बाकी सामग्री से अलग करके नहीं पढ़ा जा सकता। अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष ने आरोपपत्र के साथ उसकी उम्र साबित करने वाला उसका शैक्षिक रिकॉर्ड भी दाखिल किया था। अदालत ने आगे कहा कि अदालत ज़मानत याचिका में सबूतों की बारीकी से जाँच नहीं कर सकती।
यह देखते हुए कि सहमति भी वैध नहीं होगी, क्योंकि पीड़ित नाबालिग थी, अदालत ने कहा कि उसने कहा कि अभियुक्त ने उसकी आपत्तियों के बावजूद बार-बार उसके साथ यौन संबंध बनाए।
अदालत ने कहा,
"मैं इसे सिर्फ़ इसलिए सहमति से संबंध बनाने का मामला नहीं मान सकती, क्योंकि FIR में पीड़ित ने कहा कि अभियुक्त/आवेदक ने अपनी मीठी-मीठी बातों से उससे दोस्ती की।"
केस टाइटल: मोहम्मद शाहिद उर्फ़ शाहिद बनाम दिल्ली राज्य (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र) एवं अन्य।

