अवैध निर्माण करने वालों से वसूली के लिए अदालत का दुरुपयोग नहीं हो सकता: दिल्ली हाईकोर्ट

Amir Ahmad

19 Aug 2025 4:04 PM IST

  • अवैध निर्माण करने वालों से वसूली के लिए अदालत का दुरुपयोग नहीं हो सकता: दिल्ली हाईकोर्ट

    दिल्ली हाईकोर्ट ने साफ़ किया कि अवैध निर्माण के खिलाफ सख्त कार्रवाई ज़रूरी है, लेकिन अदालत को इस बहाने वसूली का औज़ार नहीं बनने दिया जा सकता।

    जस्टिस मिनी पुष्कर्णा ने टिप्पणी करते हुए कहा कि अदालत की प्रक्रिया का दुरुपयोग कर व्यक्तियों से पैसे वसूलना न केवल अनुचित है बल्कि न्याय व्यवस्था का खुला दुरुपयोग भी है।

    यह टिप्पणी उस याचिका पर आई, जिसमें एक व्यक्ति ने जामिया नगर क्षेत्र में तीन लोगों द्वारा किए जा रहे कथित अवैध निर्माण को रोकने और ध्वस्त करने की माँग की थी।

    प्रतिवादियों के वकील ने अदालत को बताया कि इसी संपत्ति को लेकर पहले भी कई याचिकाएँ दायर की जा चुकी हैं और इन्हें संगठित तरीके से लोगों से वसूली करने के साधन के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है।

    अदालत ने इस पर गौर करते हुए पाया कि याचिकाकर्ता न तो दिल्ली का निवासी है और न ही उस संपत्ति या इलाके से उसका कोई सीधा संबंध है बल्कि वह उत्तर प्रदेश के अमरोहा में रहता है।

    मामले में नगर निगम ने बताया कि संपत्ति के मालिकों के खिलाफ पहले ही कार्रवाई की जा चुकी है। एक शो कॉज़ नोटिस और ध्वस्तीकरण आदेश जारी हुआ था, जिसके बाद 10 जुलाई को आंशिक कार्रवाई भी की गई और आगे की कार्रवाई 4 सितंबर को तय की गई है।

    विशेष कार्य बल ने भी अदालत को अवगत कराया कि कई मामलों में ऐसे लोग याचिकाएँ दाखिल करते हैं, जिनका संबंधित संपत्ति से कोई सरोकार नहीं होता और ऐसा केवल दबाव बनाने के लिए किया जाता है।

    हाईकोर्ट ने यह दर्ज किया कि प्रतिवादी पक्ष को अवैध निर्माण के कारण कथित तौर पर उगाही कॉल्स भी मिल रही हैं। इस तरह की प्रथाओं की कड़ी निंदा की।

    अदालत ने कहा कि चूँकि एमसीडी पहले ही आवश्यक कार्रवाई कर रहा है अतिरिक्त आदेश देने की आवश्यकता न अदालत ने संबंधित डीसीपी को निर्देश दिया कि वह इस बात की जाँच करें कि एक ही संपत्ति पर अलग-अलग व्यक्तियों द्वारा कई याचिकाएँ क्यों दाखिल की जा रही हैं। साथ ही याचिकाकर्ता की पृष्ठभूमि की भी पड़ताल की।

    टाइटल: Aalim बनाम Municipal Corporation of Delhi & Ors.

    Next Story