दिल्ली दंगों की आरोपी गुलफिशा फातिमा ने गवाहों की सच्चाई पर सवाल उठाते हुए हाईकोर्ट से कहा- उन्होंने स्वार्थी बयान देकर आजादी खरीदी
Amir Ahmad
27 May 2025 5:46 PM IST

दिल्ली दंगों की बड़ी साजिश मामले में आरोपी गुलफिशा फातिमा ने मंगलवार (27 मई) को दिल्ली हाईकोर्ट से कहा कि UAPA मामले में कोई भी गवाह स्वेच्छा से आगे नहीं आया और उन्होंने स्वार्थी बयान देकर अपनी आजादी खरीदी है।
फातिमा के वकील एडवोकेट सुशील बजाज ने जस्टिस नवीन चावला और जस्टिस शालिंदर कौर की खंडपीठ के समक्ष यह दलील दी, जो मामले में उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई कर रही है।
बजाज संरक्षित गवाह- ब्रावो के बयान का जिक्र कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जबकि अभियोजन पक्ष यह कहकर उसके बयान पर भरोसा करता है कि वह सभी प्रासंगिक समय पर वहां मौजूद था, उसका बयान जून, 2020 में ही दर्ज किया गया था।
उन्होंने कहा,
“एक भी गवाह स्वेच्छा से आगे नहीं आया है… ये सभी लोग (गवाह) वे हैं, जिन्होंने स्वार्थी बयान देकर अपनी आजादी खरीदी है।”
अभियोजन पक्ष के इस आरोप पर कि गुलफिशा ने स्थानीय महिलाओं को लाल मिर्च पाउडर, बोतलें और डंडा आदि इकट्ठा करने के लिए प्रोत्साहित किया, बजाज ने कहा कि उसके पास से ऐसी कोई वस्तु बरामद नहीं हुई।
उन्होंने कहा,
"कोई एमएलसी नहीं है, जो दिखाए कि इनमें से किसी वस्तु से कोई घायल हुआ है। कोई फोटोग्राफिक साक्ष्य या वीडियो साक्ष्य नहीं है।"
इसके अलावा वकील ने यह भी कहा कि हालांकि इस बात पर कोई विवाद नहीं है कि 22 फरवरी, 2020 को जाफराबाद में चक्का जाम में फातिमा मौजूद थी लेकिन यह शांतिपूर्ण था।
वकील के अनुसार एक सीनियर पुलिस अधिकारी की गवाही उक्त प्रस्ताव का समर्थन करती है। यह भी प्रस्तुत किया गया कि दंगों की कथित साजिश में फातिमा की कोई भूमिका नहीं थी।
वकील ने यह भी प्रस्तुत किया कि गुलफिशा की सह-आरोपी देवांगना कलिता और नताशा नरवाल से कम भूमिका थी, दोनों जमानत पर बाहर हैं।
उन्होंने कहा,
"मेरा मामला यह नहीं है कि वे जमानत के हकदार नहीं हैं। लेकिन जिस तर्क के आधार पर उन्हें जमानत मिलती है, उसी आधार पर मैं भी जमानत का हकदार हूं।"
अब मामले की सुनवाई 01 जुलाई को होगी।
पीठ उमर खालिद, शरजील इमाम, मोहम्मद सलीम खान, शिफा उर रहमान, शादाब अहमद, अतहर खान, खालिद सैफी और गुलफिशा फातिमा द्वारा दायर जमानत याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है।
दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ द्वारा भारतीय दंड संहिता, 1860 और गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम 1967 के तहत विभिन्न अपराधों के तहत FIR 59/2020 दर्ज की गई थी।
मामले में आरोपी ताहिर हुसैन, उमर खालिद, खालिद सैफी, इशरत जहां, मीरान हैदर, गुलफिशा फातिमा, शिफा-उर-रहमान, आसिफ इकबाल तन्हा, शादाब अहमद, तसलीम अहमद, सलीम मलिक, मोहम्मद सलीम खान, अतहर खान, सफूरा जरगर, शरजील इमाम, फैजान खान और नताशा नरवाल हैं।
टाइटल: उमर खालिद बनाम राज्य और अन्य संबंधित मामले

