दिल्ली हाईकोर्ट ने UPSC से गलती से पुराना OBC सर्टिफिकेट अपलोड करने वाले योग्य CAPF उम्मीदवार को बहाल करने के लिए कहा

Amir Ahmad

22 July 2025 12:28 PM IST

  • दिल्ली हाईकोर्ट ने UPSC से गलती से पुराना OBC सर्टिफिकेट अपलोड करने वाले योग्य CAPF उम्मीदवार को बहाल करने के लिए कहा

    दिल्ली हाईकोर्ट ने संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) द्वारा एक अभ्यर्थी को केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) में भर्ती प्रक्रिया से केवल इसलिए बाहर करने पर अपनी नाखुशी व्यक्त की, क्योंकि उसने पहले की तारीख का जाति प्रमाणपत्र (OBC सर्टिफिकेट) अपलोड कर दिया था।

    UPSC ने गैर-क्रीमी लेयर ओबीसी श्रेणी के उम्मीदवारों से 1 अप्रैल, 2024 और 14 मई, 2024 के बीच जारी OBC-NCL सर्टिफिकेट प्रस्तुत करने को कहा था।

    याचिकाकर्ता के पास 30 अप्रैल, 2024 को जारी OBC सर्टिफिकेट था। उसने गलती से 16 जनवरी, 2024 को जारी किया गया पुराना OBC सर्टिफिकेट अपलोड कर दिया।

    इस प्रकार उसे भर्ती प्रक्रिया से बाहर कर दिया गया।

    अदालत ने कहा,

    "यह मामला निश्चित रूप से बेहतर स्थिति में है, क्योंकि याचिकाकर्ता के पास वास्तव में 30 अप्रैल, 2024 को उक्त विंडो अवधि के दौरान जारी किया गया OBC सर्टिफिकेट था। हमें समझ नहीं आ रहा कि UPSC यह कैसे तर्क दे सकता है कि सिर्फ़ इसलिए कि पहले की तारीख का सर्टिफिकेट अपलोड किया गया था, याचिकाकर्ता को इसी तरह के मामलों में हमारे द्वारा पारित आदेशों का लाभ नहीं मिलना चाहिए।"

    UPSC ने तर्क दिया कि ऐसा सर्टिफिकेट अपलोड करने के बाद, जो विंडो अवधि के दौरान जारी नहीं किया गया था, याचिकाकर्ता इस तथ्य का लाभ नहीं उठा सकती कि उसके पास वास्तव में सर्टिफिकेट है, जो विंडो अवधि के दौरान जारी किया गया था।

    जस्टिस सी. हरिशंकर और जस्टिस अजय दिगपॉल की खंडपीठ ने शुरुआत में टिप्पणी की,

    "हम इस तरह के दृष्टिकोण से, खासकर संघ लोक सेवा आयोग जैसे संवैधानिक प्राधिकारी से नाखुश हैं।"

    जजों ने बताया कि उन्होंने पहले ही ऐसे उम्मीदवारों को भी राहत देते हुए अंतरिम आदेश पारित कर दिया है, जिनके पास विंडो अवधि के दौरान जारी किया गया कोई सर्टिफिकेट नहीं था।

    ऐसा इसलिए था, क्योंकि प्रथम दृष्टया न्यायालय ने किसी भी उम्मीदवार के लिए सर्टिफिकेट प्राप्त करने हेतु निर्धारित अवधि को अपर्याप्त पाया, खासकर तब जब "अधिसूचना जारी होने तक 1 अप्रैल, 2024 के 23 दिन बीत चुके थे" और उम्मीदवारों के पास सर्टिफिकेट प्राप्त करने के लिए केवल 20 दिन शेष थे।

    यह मामला UPSC के प्रतिवाद के लिए 27 अगस्त को सूचीबद्ध है। इस बीच न्यायालय ने याचिकाकर्ता को चयन प्रक्रिया में अस्थायी रूप से भाग लेने की अनुमति दी।

    केस टाइटल: टीना चौधरी बनाम यूपीएससी एवं अन्य।

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