जनता का पैसा दांव पर: सुस्त रवैये के बावजूद दिल्ली हाईकोर्ट ने यूनियन बैंक का वसूली मुकदमा बहाल किया, 25 हज़ार का जुर्माना लगाया
Amir Ahmad
18 Oct 2025 4:12 PM IST

दिल्ली हाईकोर्ट ने हाल ही में यूनियन बैंक ऑफ इंडिया पर ऋण वसूली मुकदमे में उसके सुस्त रवैये को लेकर निराशा व्यक्त की, जिसके कारण कई बार स्थगन हुआ और चूक के बाद मुकदमा खारिज कर दिया गया।
उसने बैंक की याचिका स्वीकार कर ली और जनता के पैसे की संलिप्तता को देखते हुए मुकदमा बहाल करने पर सहमति जताई।
जस्टिस गिरीश कथपालिया ने टिप्पणी की,
"इस बात का कोई स्पष्टीकरण नहीं है कि याचिकाकर्ता बैंक के संबंधित विधि अधिकारी या संबंधित प्रबंधक किसी भी तारीख पर क्यों नहीं पेश हुए और न ही कार्यवाही पर नज़र रखी। हालांकि, यहां बड़ा मुद्दा जनता के पैसे की संलिप्तता का है। अगर वर्तमान याचिका स्वीकार नहीं की जाती है तो अंततः सरकारी खजाने को ही नुकसान होगा।"
याचिकाकर्ता बैंक ने निचली अदालत के दिनांक 04.07.2025 और 15.07.2025 के आदेशों को चुनौती दी थी, जिसके तहत प्रतिवादियों को समन तामील न कराने और बैंक की ओर से बार-बार गैर-हाजिरी के कारण मुकदमा खारिज कर दिया गया था।
हाईकोर्ट ने कहा कि प्रथम दृष्टया विवादित आदेशों में कोई त्रुटि नहीं है, क्योंकि इस बात की कोई जानकारी नहीं है कि याचिकाकर्ता बैंक का संबंधित अधिकारी जो इस मुकदमे से निपट रहा था इस दौरान क्या कर रहा था।
बैंक के इस सुस्त और लापरवाह आचरण को देखते हुए कोर्ट ने कहा कि मुकदमे को 25,000 रुपये की लागत के अधीन पुनर्जीवित करने की अनुमति दी जाएगी, जो शुरू में बैंक द्वारा जमा की जाएगी और फिर दोषी अधिकारी के वेतन से वसूल की जाएगी।
कोर्ट ने आदेश दिया,
“याचिकाकर्ता बैंक ज़िम्मेदारी तय करने के लिए विस्तृत जांच करेगा और यह भी जांच करेगा कि क्या यह संबंधित बैंक अधिकारी की ओर से केवल लापरवाही का मामला है या जानबूझकर दूसरे पक्ष की मदद करने का प्रयास है।”

