उदयपुर फाइल्स विवाद: CBFC ने कहा- आपत्तिजनक हिस्से फिल्म से हटाए गए, दिल्ली हाईकोर्ट ने निर्माता को आज ही स्क्रीनिंग करने का निर्देश दिया

Amir Ahmad

9 July 2025 1:35 PM IST

  • उदयपुर फाइल्स विवाद: CBFC ने कहा- आपत्तिजनक हिस्से फिल्म से हटाए गए, दिल्ली हाईकोर्ट ने निर्माता को आज ही स्क्रीनिंग करने का निर्देश दिया

    दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार (9 जुलाई) को 'Udaipur Files: Kanhaiya Lal Tailor Murder' फिल्म से संबंधित मामले की सुनवाई के दौरान सेंसर बोर्ड (CBFC) के इस बयान के बाद कि फिल्म के आपत्तिजनक हिस्सों को हटा दिया गया, फिल्म निर्माता को निर्देश दिया कि पक्षकारों के वकीलों के लिए आज ही फिल्म की स्क्रीनिंग आयोजित की जाए।

    यह मामला जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी द्वारा दायर जनहित याचिका (PIL) सहित कई याचिकाओं से जुड़ा है, जिसमें फिल्म के खिलाफ हेट स्पीच और सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने के आधार पर सेंसर प्रमाणपत्र को चुनौती दी गई।

    सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले दिन में फिल्म की स्क्रीनिंग को रोकने संबंधी याचिका को तत्काल सूचीबद्ध करने से इनकार कर दिया, और मौखिक रूप से कहा, "रिलीज़ होने दीजिए।"

    चीफ जस्टिस डीके उपाध्याय और जस्टिस अनीश दयाल की खंडपीठ ने सुनवाई के बाद आदेश में कहा,

    “उत्तरदाता की ओर से पेश ASG शर्मा ने बताया कि CBFC ने फिल्म को प्रमाणित करने से पहले कुछ कट सुझाए, जो फिल्म में लागू कर दिए गए। निर्माता के वकील ने भी कहा कि सेंसर बोर्ड के निर्देशों के अनुसार बदलाव कर दिए गए हैं। हम निर्माता को निर्देश देते हैं कि आज ही फिल्म और ट्रेलर की स्क्रीनिंग सभी वकीलों के लिए करवाई जाए। मामले की अगली सुनवाई कल होगी।”

    सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल, याचिकाकर्ता की ओर से पेश होते हुए बोले,

    “यह मामला गंभीर है। मैं समझता हूं कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है, लेकिन यदि उद्देश्य सांप्रदायिक अशांति फैलाना और सार्वजनिक व्यवस्था को खतरे में डालना है तो कोर्ट को हस्तक्षेप करना चाहिए।”

    CBFC और केंद्र सरकार की ओर से पेश ASG चेतन शर्मा ने कहा,

    “हमने सभी आपत्तियों को ध्यान में रखा है। जो-जो संवाद या दृश्य आपत्तिजनक बताए गए थे, वे हटा दिए गए हैं।”

    सिब्बल ने तर्क दिया कि सिर्फ दृश्य हटाना पर्याप्त नहीं है।

    उन्होंने कहा,

    “पूरी फिल्म का स्वर ही विभाजनकारी है। यह एक समुदाय को लक्षित करने का प्रयास है। सिर्फ दृश्य हटाने से मुद्दा खत्म नहीं हो जाता। कोर्ट को पूरी फिल्म देखनी चाहिए।”

    कोर्ट ने कहा,

    “फिल्म के जो हिस्से हटाए गए, क्या वे सेंसर बोर्ड के निर्देश पर हटाए गए?"

    ASG शर्मा ने इसकी पुष्टि की।

    इसके बाद कोर्ट ने सिब्बल से कहा,

    “आप पहले फिल्म देख लीजिए। हो सकता है आपकी चिंता दूर हो जाए। फिर कल हमसे मिलिए।”

    कोर्ट ने यह भी पूछा कि कट सिर्फ फिल्म से हटाए गए हैं या ट्रेलर से भी, जिस पर जवाब मिला कि दोनों से हटाए गए।

    फिल्म के निर्माता की ओर से वकील ने बताया कि आज ही एक निजी स्क्रीनिंग आयोजित कर दी जाएगी।

    अब यह मामला गुरुवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया।

    टाइटल: मौलाना अरशद मदनी बनाम भारत सरकार एवं अन्य याचिकाएं

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