दिल्ली हाईकोर्ट ने राहुल गांधी की नागरिकता को लेकर सुब्रमण्यम स्वामी की याचिका पर केंद्र सरकार से जवाब मांगा

Amir Ahmad

6 Dec 2024 3:16 PM IST

  • दिल्ली हाईकोर्ट ने राहुल गांधी की नागरिकता को लेकर सुब्रमण्यम स्वामी की याचिका पर केंद्र सरकार से जवाब मांगा

    दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी की नागरिकता के मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) नेता सुब्रमण्यम स्वामी द्वारा दायर याचिका पर केंद्र सरकार से जवाब मांगा।

    स्वामी ने राहुल गांधी के खिलाफ अपनी शिकायत पर स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने के लिए केंद्र सरकार को निर्देश देने की मांग की।

    एक्टिंग चीफ जस्टिस विभु बाखरू और जस्टिस तुषार राव गेडेला की खंडपीठ को सूचित किया गया कि केंद्र सरकार के वकील को हाल ही में वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में नामित किया गया। इसलिए मामले को एक नए वकील को सौंपा जाना है।

    स्वामी जब व्यक्तिगत रूप से पेश हुए थे तो उन्होंने अनुरोध किया कि मामले में नोटिस जारी किया जाए तो पीठ ने टिप्पणी की वकील (भारत संघ के लिए) को पहले निर्देश प्राप्त करने दें।

    अदालत के समक्ष कर्नाटक से भाजपा सदस्य विग्नेश शिशिर भी पेश हुए, जो राहुल गांधी की कथित ब्रिटिश नागरिकता की सीबीआई जांच की मांग करने वाली जनहित याचिका में इलाहाबाद हाईकोर्ट के समक्ष याचिकाकर्ता हैं।

    शिशिर ने अपनी याचिका में घटनाक्रम के बारे में पीठ को अवगत कराया। हालांकि केंद्र सरकार के वकील के अनुरोध पर मामले को 13 जनवरी,2025 तक के लिए स्थगित कर दिया गया।

    स्वामी अपने वकील एडवोकेट सत्य सभरवाल के साथ व्यक्तिगत रूप से याचिकाकर्ता के रूप में पेश हुए।

    अगस्त, 2019 में स्वामी ने कांग्रेस नेता द्वारा ब्रिटिश सरकार को स्वेच्छा से खुलासा करने में किए गए कथित उल्लंघनों पर केंद्र को एक पत्र लिखा कि वह ब्रिटिश राष्ट्रीयता के नागरिक हैं, जो ब्रिटिश पासपोर्ट रखने के बराबर है।

    स्वामी ने आरोप लगाया कि गांधी ने भारतीय नागरिक होने के नाते भारतीय नागरिकता अधिनियम, 1955 के साथ भारतीय संविधान के अनुच्छेद 9 का उल्लंघन किया।

    स्वामी ने दावा किया कि गांधी भारतीय नागरिक नहीं रह जाएंगे। भारत के संविधान के अनुच्छेद 9 में कहा गया कि कोई भी व्यक्ति भारत का नागरिक नहीं होगा या भारत का नागरिक नहीं माना जाएगा, यदि उसने स्वेच्छा से किसी विदेशी राज्य की नागरिकता प्राप्त की है।

    केंद्र सरकार द्वारा 20 अप्रैल, 2019 को गांधी को नोटिस भेजा गया, जिसका विषय था नागरिकता के संबंध में शिकायत।

    स्वामी ने लिखा कि बैकऑप्स लिमिटेड नामक कंपनी 2003 में यूनाइटेड किंगडम में पंजीकृत हुई, जिसमें गांधी निदेशक और सचिव थे। उन्होंने आगे आरोप लगाया कि 2005 और 2006 में दायर कंपनी के वार्षिक रिटर्न में गांधी की जन्मतिथि 19 जून, 1970 बताई गई और उनकी राष्ट्रीयता ब्रिटिश बताई गई।

    स्वामी ने कहा कि केंद्र सरकार को उनकी शिकायत के बारे में अद्यतन जानकारी और स्थिति के बारे में कई बार बताने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई।

    स्वामी ने अपनी याचिका में केंद्र को उनकी शिकायत या अभ्यावेदन पर जल्द से जल्द निर्णय लेने और उसका निष्कर्ष या अंतिम आदेश प्रस्तुत करने का निर्देश देने की मांग की।

    मई, 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी को ब्रिटिश नागरिकता प्राप्त करने पर 'दोहरी नागरिकता' के मुद्दे का निर्धारण होने तक 2019 के आम चुनाव लड़ने से रोकने की याचिका खारिज की थी।

    सुप्रीम कोर्ट ने मौखिक रूप से टिप्पणी की थी,

    “कुछ कागज कहते हैं कि उनके पास ब्रिटिश नागरिकता है, इसलिए वे ब्रिटिश नागरिक हो गए? सिर्फ़ इसलिए कि कंपनी उन्हें ब्रिटिश नागरिकता बताती है तो क्या वे ब्रिटिश नागरिक हो गए? इसका मतलब है कि उनके पास ब्रिटिश नागरिकता है?।”

    टाइटल: सुब्रमण्यम स्वामी बनाम भारत संघ और अन्य।

    Next Story