हाईकोर्ट ने बांसुरी स्वराज के निर्वाचन के खिलाफ याचिका में चुनावों में इस्तेमाल की गई EVM की जली हुई मेमोरी सुरक्षित रखने की सोमनाथ भारती की प्रार्थना खारिज की

Amir Ahmad

10 Sept 2024 12:18 PM IST

  • हाईकोर्ट ने बांसुरी स्वराज के निर्वाचन के खिलाफ याचिका में चुनावों में इस्तेमाल की गई EVM की जली हुई मेमोरी सुरक्षित रखने की सोमनाथ भारती की प्रार्थना खारिज की

    दिल्ली हाईकोर्ट ने आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता सोमनाथ भारती की उस प्रार्थना को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने भारत के चुनाव आयोग (ECI) को नई दिल्ली संसदीय क्षेत्र से 2024 के लोकसभा चुनावों में इस्तेमाल की गई सभी 1489 EVM की जली हुई मेमोरी उपलब्ध कराने का निर्देश देने की मांग की थी।

    जस्टिस मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा स्वराज के निर्वाचन को भ्रष्ट आचरण के आधार पर चुनौती देने वाली भारती की याचिका पर विचार कर रहे थे।

    अदालत ने स्पष्ट किया कि निर्वाचन अधिकारी को चुनाव में इस्तेमाल की गई 1490 EVM को अन्य चुनावों के लिए चुनाव आयोग को सौंपने की स्वतंत्रता है।

    अदालत ने कहा,

    “वोटों की गिनती या पुनर्गणना के संबंध में कोई विवाद नहीं है लेकिन प्रतिवादी नंबर 3 के वकील द्वारा 20.08.2024 को दिए गए बयान के अनुसार प्रतिवादी नंबर 3 को निर्देश दिया जाता है कि वीवीपैट के ड्रॉप बॉक्स से निकाली गई सभी वीवीपैट पेपर पर्चियों को कागज के लिफाफे में रखा जाए, जैसा कि प्रतिवादी नंबर 3 द्वारा दिनांक 04.06.2024 के सर्टिफिकेट में प्रमाणित किया गया। इसे अगली सुनवाई की तारीख तक ईसीआई द्वारा निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार सुरक्षित रखा जाए।”

    इसके अतिरिक्त नोट किया कि नई दिल्ली निर्वाचन क्षेत्र से स्वराज भारती से 78,370 अधिक वोट प्राप्त करके सबसे अधिक मत प्राप्त करने वाली उम्मीदवार के रूप में उभरीं।

    अदालत ने यह भी कहा कि नई दिल्ली निर्वाचन क्षेत्र से स्वराज के चुनाव को चुनौती देने वाली याचिका में वोटों की गिनती या पुनर्गणना से संबंधित नहीं है।

    अदालत ने कहा,

    "यह न्यायालय इस बात से संतुष्ट है कि देश के विभिन्न भागों में आगामी चुनावों को देखते हुए नई दिल्ली संसदीय क्षेत्र में तैनात EVM को सुरक्षित रखने के लिए ECI को कोई आवश्यकता नहीं है। यह कहने की आवश्यकता नहीं है कि EVM के संदर्भ में बैलेटिंग यूनिट, कंट्रोलिंग यूनिट और VVPAT शामिल हैं।"

    अदालत ने आगे कहा कि भारती कानून के अनुसार 1489 EVM की बर्न मेमोरी नहीं मांग सकते। उन्हें केवल 75 EVM की बर्न मेमोरी मांगने का अधिकार है। अदालत ने कहा कि 75 EVM के लिए भी भारती को सावधान रहना चाहिए। उन्हें नियमित तरीके से जांच और वेरिफिकेशन के लिए कहने की आवश्यकता नहीं है। अदालत ने निष्कर्ष निकाला कि 1489 EVM की बर्न मेमोरी मांगने का भारती का मौखिक अनुरोध कानून और तथ्यों दोनों के अनुसार मनमाना और अस्वीकार्य था।

    मामले की सुनवाई अब 5 नवंबर को होगी भारती ने भी इस सीट से चुनाव लड़ा था लेकिन 4 जून को रिटर्निंग ऑफिसर ने उन्हें हारा हुआ घोषित कर दिया।

    याचिका के अनुसार भारती को 374815 वोट मिले, जबकि स्वराज को 453185 वोट मिले। AAP नेता ने आरोप लगाया कि बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार राज कुमार आनंद को वास्तव में BJP नेता स्वराज को भारती के खिलाफ जिताने के लिए खड़ा किया। उन्होंने दावा किया कि आनंद राष्ट्रीय राजधानी में आप सरकार में मंत्री थे और 9 अप्रैल तक उनके लिए चुनाव प्रचार में सक्रिय थे लेकिन उन्होंने 10 अप्रैल को अचानक पार्टी से इस्तीफा दे दिया।

    चुनाव याचिका में कहा गया,

    "उन्होंने प्रतिवादी नंबर 3 (रिटर्निंग ऑफिसर) और उनकी पार्टी द्वारा उनके खिलाफ ED/CBI/IT जैसी एजेंसियों के दुरुपयोग के कारण अपने मंत्रालय से इस्तीफा दे दिया।"

    याचिका में कहा गया कि चुनाव के दिन भारती यह देखकर हैरान रह गईं कि स्वराज के बूथ एजेंटों के पास उनके मतपत्र संख्या, फोटो, चुनाव चिह्न और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फोटो वाले पर्चे थे। वे मतदाताओं को दिखा रहे थे और उनसे उनके मतपत्र के लिए वोट देने के लिए कह रहे थे। भारती के अनुसार इस तरह का कृत्य आपराधिक कृत्य है।

    याचिका में कहा गया कई लोगों ने देखा कि कुछ BJP कार्यकर्ता इलाके के कुछ निवासियों को पैसे और साड़ी तथा सूट जैसी सामग्री बांट रहे थे। वे घर-घर जाकर घर के नंबर, उस घर में रहने वाले मतदाताओं की मतदाता सूची से जांच कर रहे थे। प्रत्येक घर में मतदाताओं के बारे में खुद को संतुष्ट करने के बाद उक्त व्यक्ति मतदाता सूची में नाम अंकित कर रहे थे

    आगे कहा गया कि BJP का पूरा चुनाव अभियान और खासकर उनका अभियान धार्मिक प्रकृति का था और धर्म के निषिद्ध आधार पर वोट मांगे गए।

    भारती ने कानून के अनुसार छह साल की अवधि के लिए किसी भी राज्य विधानसभा या संसद के लिए कोई भी चुनाव लड़ने से स्वराज को अयोग्य ठहराने की मांग की है।

    केस टाइटल- सोमनाथ भारती बनाम बांसुरी स्वराज और अन्य

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