दिल्ली हाईकोर्ट ने 'लैंड फॉर जॉब्स' घोटाले में लालू प्रसाद यादव की ट्रायल स्थगन याचिका खारिज की

Amir Ahmad

31 May 2025 5:13 PM IST

  • दिल्ली हाईकोर्ट ने लैंड फॉर जॉब्स घोटाले में लालू प्रसाद यादव की ट्रायल स्थगन याचिका खारिज की

    दिल्ली हाईकोर्ट ने राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव द्वारा दाखिल याचिका खारिज की, जिसमें उन्होंने 'लैंड फॉर जॉब्स' घोटाले में सीबीआई द्वारा दर्ज एफआईआर और ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही पर रोक लगाने की मांग की थी।

    यह मामला 2 जून को राउज एवेन्यू कोर्ट के विशेष न्यायाधीश के समक्ष आरोप तय करने के लिए सूचीबद्ध है।

    जस्टिस रवींद्र दुजेडा ने कहा कि ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही पर रोक लगाने के लिए कोई ठोस कारण नहीं है। हालांकि कोर्ट ने यादव की याचिका पर नोटिस जारी किया, जिसमें उन्होंने CBI की FIR, तीन चार्जशीट्स और ट्रायल कोर्ट के संज्ञान आदेश को रद्द करने की मांग की।

    लालू यादव की ओर से सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने दलील दी कि CBI ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 17ए के तहत अनिवार्य स्वीकृति प्राप्त किए बिना जांच शुरू की, जो कि पूरी प्रक्रिया को शुरू से ही अवैध और अधिकार क्षेत्र से बाहर कर देती है।

    धारा 17ए के अनुसार किसी लोक सेवक के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप में बिना पूर्व स्वीकृति के कोई जांच नहीं की जा सकती यदि यह आरोप उसके आधिकारिक कार्य से संबंधित हो।

    CBI की ओर से सीनियर एडवोकेट डीपी सिंह ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि धारा 17ए की पूर्व संशोधन वाले मामलों में लागूता का मुद्दा सुप्रीम कोर्ट की बड़ी पीठ के समक्ष विचाराधीन है। उन्होंने कहा कि यह दलीलें आरोप तय करने की प्रक्रिया में ट्रायल कोर्ट के समक्ष रखी जा सकती हैं।

    कोर्ट ने कहा कि यादव आरोप तय होने के समय ट्रायल कोर्ट में अपनी सभी दलीलें रख सकते हैं, जिससे उन्हें एक अतिरिक्त अवसर मिलेगा अपनी बात रखने का।

    अतः हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही पर रोक लगाने से इनकार कर दिया और कहा,

    "मौजूदा याचिका लंबित रहते हुए भी ट्रायल कोर्ट में अपनी बात रखने की स्वतंत्रता याचिकाकर्ता को रहेगी। इसलिए कार्यवाही पर रोक लगाने का कोई कारण नहीं बनता।"

    लालू यादव ने तर्क दिया था कि जांच बिना वैध स्वीकृति के शुरू की गई, जो कि उनके निष्पक्ष जांच के मौलिक अधिकार का उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि यह राजनीतिक प्रतिशोध और दुर्भावना से प्रेरित अवैध जांच है।

    गौरतलब है कि CBI ने 10 अक्टूबर, 2022 को 16 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी। आरोप है कि 2004 से 2009 के बीच रेलवे में ग्रुप-डी की नौकरियों के बदले बिहार के निवासियों से लालू यादव और उनके परिवार के नाम जमीन हस्तांतरित करवाई गई थी।

    CBI का दावा है कि इन नियुक्तियों में रेलवे के निर्धारित नियमों और मानकों का पालन नहीं किया गया।

    केस टाइटल: लालू प्रसाद यादव बनाम केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI)

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