दिल्ली हाईकोर्ट का फैसला: विदेशी नागरिकों के अपहरण की साज़िश में उम्रकैद काट रहे दोषी को समय से पहले रिहाई नहीं
Amir Ahmad
8 Sept 2025 5:41 PM IST

दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को नासिर मोहम्मद सोदोज़े उर्फ़ अफ़्ताब अहमद की याचिका खारिज की, जिसमें उसने उम्रकैद की सज़ा पूरी होने के बाद समयपूर्व रिहाई की मांग की थी।
जस्टिस संजीव नरूला ने 30 जून, 2023 को सज़ा पुनरीक्षण बोर्ड (SRB) द्वारा दी गई अस्वीकृति बरकरार रखते हुए कहा कि लंबा कारावास महत्वपूर्ण पहलू है लेकिन यह समाज और राष्ट्रीय सुरक्षा के बड़े हितों पर हावी नहीं हो सकता। अदालत ने कहा कि विदेशी नागरिकों का अपहरण भारत की संप्रभुता पर सीधा ख़तरा था। इससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश की साख को नुकसान पहुंचा।
सोदोज़े को 2002 में स्पेशल जज ने भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 121A, 122, 124A, TADA Act की धाराओं और विदेशियों अधिनियम के तहत दोषी ठहराया था। पहले उसे मौत की सज़ा दी गई, जिसे 2003 में सुप्रीम कोर्ट ने उम्रकैद में बदल दिया।
याचिकाकर्ता का तर्क था कि दिल्ली सरकार की 2004 की नीति के अनुसार 25 साल से अधिक कैद नहीं होनी चाहिए। उसने 26 साल से ज़्यादा सज़ा काट ली है। वहीं पुलिस ने उसकी अहमद उमर सईद शेख़ से नज़दीकियों का हवाला देते हुए विरोध किया, जो आईसी-814 विमान अपहरण प्रकरण के दौरान रिहा किया गया।
हाईकोर्ट ने माना कि सोदोज़े का अपराध अत्यंत गंभीर श्रेणी का है, क्योंकि यह किसी निजी दुश्मनी से नहीं बल्कि सरकार को दबाव में लाने और आतंकी संगठन हरकत-उल-अंसार की मांगें मनवाने के लिए किया गया। अदालत ने कहा कि ऐसे अपराध समाज के ताने-बाने और राष्ट्रीय सुरक्षा पर सीधा हमला हैं। केवल लंबी कैद का हवाला देकर रिहाई नहीं दी जा सकती।
केस टाइटल: NASIR MOHD SODOZEY @ AFTAAB AHMED @ ABDULLAH बनाम STATE GOVT OF NCT OF DELHI

