सरलता पेटेंट योग्यता में कोई बाधा नहीं, साधारण बदलाव भी नए आविष्कारों को जन्म दे सकते हैं: दिल्ली हाईकोर्ट
Amir Ahmad
30 July 2025 12:07 PM IST

दिल्ली हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि एक साधारण आविष्कार, चाहे वह नया और स्पष्ट न हो, पेटेंट संरक्षण का हकदार है बशर्ते वह किसी तकनीकी समस्या का समाधान कुशलता से करे।
जस्टिस मिनी पुष्करणा ने कहा,
“इस बात पर ज़ोर देने की कोई ज़रूरत नहीं है कि सरलता पेटेंट योग्यता में कोई बाधा नहीं है। साधारण बदलाव भी स्पष्ट और ठोस अंतर ला सकते हैं, जिससे एक नया आविष्कार हो सकता है।”
यह टिप्पणी स्वचालित कार पार्किंग सिस्टम विकसित करने वाली दक्षिण कोरियाई कंपनी की याचिका पर सुनवाई के दौरान की गई, जो वर्टिकल रोटरी पार्किंग सिस्टम के लिए अपने पेटेंट आवेदन को अस्वीकार किए जाने से व्यथित थी।
पेटेंट और डिज़ाइन नियंत्रक ने अपीलकर्ता कंपनी के ही एक पूर्व कला प्रकाशन डी-5 का हवाला दिया और कहा कि दावा किए गए आविष्कार में 'लआविष्कारक कदम का अभाव है।
अपीलकर्ता ने दावा किया कि उसने कम घर्षण और एक शांत पार्किंग प्रणाली सुनिश्चित करने के लिए नर और मादा युग्मन तत्वों का विशिष्ट संरचनात्मक अनुकूलन किया था। जबकि प्रतिवादी ने दावा किया कि यह कदम स्पष्ट था केवल यांत्रिक प्रकृति का था। इससे उद्धृत पूर्व कला में कोई तकनीकी सुधार नहीं हुआ।
शुरुआत में हाईकोर्ट ने टिप्पणी की कि नियंत्रक यह निर्णय देने में विफल रहा कि आविष्कार में तकनीकी उन्नति कैसे शामिल नहीं थी। उसने टिप्पणी की कि यदि विषयगत आविष्कार इतना स्पष्ट था तो कोई भी तृतीय पक्ष विषयगत आविष्कार तक पहुंचने के लिए पूर्व कला में संशोधन कर सकता था, हालांकि ऐसा नहीं हुआ।
न्यायालय ने कहा,
"यह निर्धारण कि दावा किया गया आविष्कार केवल कार्यशाला संशोधन था किसी भी आधिकारिक दस्तावेज़ द्वारा समर्थित नहीं है। सिवाय इस निष्कर्ष के कि मौजूदा पेटेंट अर्थात् D-5 में मामूली बदलाव किए गए। नियंत्रक के स्पष्टता संबंधी निष्कर्ष में कोई आधार नहीं है, क्योंकि ऐसा कुछ भी रिकॉर्ड में नहीं लाया गया, जिससे यह प्रदर्शित हो सके कि अपीलकर्ता द्वारा नर और मादा युग्मन तत्वों का पुनर्संरचना, एक स्पष्ट संशोधन था।"
इसने एवरी डेनिसन कॉर्पोरेशन बनाम पेटेंट एवं डिज़ाइन नियंत्रक (2022) मामले का हवाला दिया, जहां यह माना गया कि किसी आविष्कारशील चरण के अस्तित्व का विश्लेषण करने के लिए निश्चित परीक्षण पूर्व कला दस्तावेज़ और विचाराधीन आविष्कार के बीच का समय अंतराल भी होगा।
इसके बाद न्यायालय ने कहा कि नियंत्रक ने यह निष्कर्ष दिया कि कला में कुशल व्यक्ति सामान्य सामान्य ज्ञान के साथ पूर्व कला में किए गए संशोधनों की पहचान कर सकता है।
हाईकोर्ट ने कहा कि आक्षेपित आदेश सामान्य सामान्य ज्ञान का कोई संदर्भ नहीं देता है।
न्यायालय ने आदेश दिया कि अपीलकर्ता के पेटेंट आवेदन की पुनः जांच की जाए।
केस टाइटल: डोंग यांग पीसी, इंक. बनाम पेटेंट एवं डिज़ाइन नियंत्रक

