डाबर च्यवनप्राश विज्ञापन मामले में पतंजलि को राहत नहीं, हाईकोर्ट ने अपील पर उठाए सवाल

Amir Ahmad

19 Sept 2025 12:57 PM IST

  • डाबर च्यवनप्राश विज्ञापन मामले में पतंजलि को राहत नहीं, हाईकोर्ट ने अपील पर उठाए सवाल

    पतंजलि आयुर्वेद ने दिल्ली हाईकोर्ट में एकल जज के उस आदेश को चुनौती दी, जिसमें उसे डाबर के च्यवनप्राश उत्पाद का कथित रूप से अपमान करने वाले विज्ञापन चलाने से रोक दिया गया था।

    मामले की सुनवाई जस्टिस सी. हरिशंकर और जस्टिस ओम प्रकाश शुक्ला की खंडपीठ ने की।

    शुरुआत में कोर्ट ने पतंजलि का प्रतिनिधित्व कर रहे सीनियर एडवोकेट जयंत मेहता से मौखिक रूप से कहा कि सिंगल जज का आदेश विवेकाधीन प्रकृति का है। उसके खिलाफ अपील में बैठने का कोई कारण नहीं है।

    कोर्ट ने टिप्पणी की,

    “आपने च्यवनप्राश बनाने वाले सभी लोगों को यह कहकर बदनाम किया कि उन्हें इसे बनाना नहीं आता। यह एक सामान्य अपमान का मामला है। अंतरिम आदेश पूरी तरह से विवेकाधीन है। हमें अपील में हस्तक्षेप क्यों करना चाहिए, सिद्धांतों को सही ढंग से लागू किया गया है।”

    कोर्ट ने मेहता से यह भी कहा कि यदि कोर्ट को अपील बेकार लगती है तो पतंजलि आयुर्वेद पर जुर्माना लगाया जाएगा।

    जस्टिस शंकर ने कहा,

    “अपूरणीय क्षति कहां है? कुछ भी नहीं। हमने अपना मन बना लिया। अगर हमें लगता है कि यह एक अर्थहीन मुकदमा है, तो हम जुर्माना लगाएंगे। हम अब हर आलतू फालतू अपील की अनुमति नहीं देंगे।”

    इस पर मेहता ने इस मुद्दे पर प्रतिपक्ष के साथ बैठकर कोर्ट में वापस आने के लिए कुछ समय मांगा।

    तदनुसार, कोर्ट ने मामले की सुनवाई 23 सितंबर के लिए सूचीबद्ध की।

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