नकल का दाग करियर पर डालता है बुरा असर, उम्मीदवार को दी जाए पूरी जानकारी व CCTV फुटेज: दिल्ली हाईकोर्ट
Amir Ahmad
10 July 2025 2:00 PM IST

दिल्ली हाईकोर्ट ने हाल ही में डॉक्टर के पक्ष में फैसला सुनाया, जिसकी उम्मीदवारी नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन्स इन मेडिकल साइंसेज़ (NBEMS) द्वारा रद्द कर दी गई थी। साथ ही दो वर्षों के लिए परीक्षा में बैठने से प्रतिबंधित कर दिया गया था।
बता दें, यह कार्रवाई परीक्षा के दौरान अनुचित साधनों के उपयोग के कथित आरोपों के आधार पर की गई, जिनका कोई पुख्ता प्रमाण नहीं था।
जस्टिस विकास माहाजन ने कहा कि अनुचित साधनों में लिप्त होने का आरोप गंभीर कलंक है, जो उम्मीदवार के करियर को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है। इसलिए परीक्षा प्राधिकरण को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उम्मीदवार को समुचित और सार्थक बचाव का अवसर मिले, जिसमें सभी संबंधित दस्तावेजों की प्रतियां CCTV फुटेज आदि शामिल हों।
अदालत ने यह भी कहा,
"प्रतिवादी को याचिकाकर्ता को उसकी लिखित सफाई परीक्षा केंद्र के कर्मचारियों के बयान मूल्यांकनकर्ता की रिपोर्ट CCTV फुटेज आदि प्रदान करनी चाहिए, जो या तो कारण बताओ नोटिस या फिर 29.10.2024 के आदेश में उल्लिखित या प्रासंगिक थीं।"
बोर्ड का आरोप था कि याचिकाकर्ता परीक्षा के दौरान पर्चियों से नकल कर रही थी। पकड़े जाने पर उन्होंने पर्चियां चबाकर निगल लीं। लेकिन जब अदालत ने CCTV फुटेज का अवलोकन किया तो उसे ऐसा कोई प्रमाण नहीं मिला।
बोर्ड ने दावा किया कि उम्मीदवार की सीट का दृश्य एक खंभे द्वारा अवरुद्ध था, लेकिन कोर्ट ने पाया कि याचिकाकर्ता पूरी तरह से स्पष्ट रूप से दिखाई दे रही थीं और दृश्य में कोई अवरोध नहीं था।
"CCTV फुटेज यह स्पष्ट करता है कि याचिकाकर्ता न तो पर्चियों को अपने कपड़ों में छिपाते हुए और न ही उन्हें चबाते और निगलते हुए दिखाई दे रही हैं जैसा कि आरोप लगाया गया है।"
कोर्ट ने यह भी कहा कि प्रतिवादी के वकील भी ऐसा कोई फुटेज नहीं दिखा सके, जिससे यह साबित होता हो।
कोर्ट ने आगे टिप्पणी की कि आम तौर पर वह अनुशासनात्मक प्राधिकारी के तथ्यों में हस्तक्षेप नहीं करता लेकिन जब प्रक्रिया में पक्षपात या गंभीर त्रुटियां हों जैसे कोई साक्ष्य न हो या व्यक्ति को अपने बचाव का पूरा मौका न दिया गया हो तो अदालत हस्तक्षेप कर सकती है।
कोर्ट ने परीक्षा आचार समिति (Examination Ethics Committee) को भी फटकार लगाई कि उन्होंने CCTV फुटेज को देखे बिना ही निर्णय ले लिया।
इसलिए अदालत ने NBEMS को निर्देश दिया कि वह दो सप्ताह के भीतर याचिकाकर्ता डॉक्टर का परीक्षा परिणाम घोषित करे।
टाइटल: डॉ. आस्था राज बनाम नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन्स इन मेडिकल साइंसेज

