दिल्ली हाईकोर्ट: मुस्लिम पुरुष की संपत्ति से पोते-पोतियां केवल तब बाहर होंगे, जब उसके बेटे-बेटियां जीवित हों
Amir Ahmad
10 Sept 2025 2:25 PM IST

दिल्ली हाईकोर्ट: मुस्लिम पुरुष की संपत्ति से पोते-पोतियां केवल तब बाहर होंगे, जब उसके बेटे-बेटियां जीवित हों
दिल्ली हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि किसी मुस्लिम पुरुष की मृत्यु के बाद उसकी संपत्ति से पोते-पोतियां केवल तभी बाहर किए जा सकते हैं, जब उस समय उसका बेटा या बेटी जीवित हो। यदि मृतक के कोई अन्य संतान नहीं है तो पोते-पोतियाँ उसके एकमात्र जीवित वंशज होने के नाते उत्तराधिकार से वंचित नहीं किए जा सकते।
जस्टिस मनीत प्रीतम सिंह अरोड़ा की एकलपीठ मोहम्मद आरिफ की संपत्ति से जुड़े विवाद की सुनवाई कर रही थी। आरिफ का पुत्र मोहम्मद मुनीर वर्ष 2014 में निधन हो चुका था, जबकि स्वयं आरिफ का देहांत 2021 में हुआ। इसके बाद मुनीर के बच्चे यानी आरिफ के पोते-पोतियों ने संपत्ति में हिस्सेदारी का दावा किया।
इसके विपरीत आरिफ के भतीजों ने दलील दी कि मुस्लिम व्यक्तिगत कानून के तहत पोते-पोतियों को दादा की संपत्ति में कोई अधिकार नहीं है। संपत्ति उनके हिस्से में आएगी, क्योंकि वे मृतक के पूर्वमृत भाईयों के उत्तराधिकारी हैं।
हाईकोर्ट ने इस तर्क को अस्वीकार करते हुए कहा,
“पोते-पोतियां केवल तब उत्तराधिकार से बाहर होते हैं, जब दादा के अन्य बेटे या बेटियां जीवित हों। इस मामले में मृतक मोहम्मद आरिफ के पास केवल एक पुत्र था, जो पहले ही गुजर चुका था और कोई अन्य संतान जीवित नहीं थी अतः वादकारी पोते-पोतियाँ संपत्ति के उत्तराधिकारी होंगे।”
प्रतिवादियों ने अपने पक्ष में Mohd. Amirullah Khan बनाम Mohd. Hakumullah Khan (1999) मामले का हवाला दिया। मगर अदालत ने उसे तथ्यों के आधार पर अलग बताते हुए कहा कि उस मामले में मृतक अपने बेटे-बेटियों तथा पोते-पोतियों, दोनों को पीछे छोड़कर गया, जबकि वर्तमान मामले में मृतक आरिफ की केवल एक संतान थी जो पहले ही गुजर चुकी थी। अतः उस फैसले का सहारा यहाँ लागू नहीं होता।
अदालत ने यह भी कहा कि यह समझ से परे है कि आरिफ की संपत्ति पर उसके पूर्व मृत भाइयों के बच्चों का किस आधार पर अधिकार हो सकता है, क्योंकि वे उसकी प्रत्यक्ष संतति नहीं हैं।
खंडपीठ ने अंत में यह निष्कर्ष निकाला कि जहां मृतक मुस्लिम व्यक्ति के कोई अन्य पुत्र या पुत्री जीवित न हों, वहां उसके पोते-पोतियां उसके वैध उत्तराधिकारी होंगे और उन्हें संपत्ति से वंचित नहीं किया जा सकता।
टाइटल: हामज़ाह मुनीर एवं अन्य बनाम मोहम्मद अकील एवं अन्य

