दिल्ली हाईकोर्ट ने सार्वजनिक शौचालयों की शिकायतों के संबंध में MCD, DDA और NDMC के लिए कॉमन ऐप बनाने का आदेश दिया
Amir Ahmad
11 Feb 2025 7:15 AM

दिल्ली हाईकोर्ट ने निर्देश दिया कि राष्ट्रीय राजधानी में सार्वजनिक शौचालयों की खराबी से संबंधित शिकायतों पर ध्यान देने के लिए दिल्ली नगर निगम (MCD), दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) और नई दिल्ली नगर निगम (NDMC) द्वारा उपयोग किए जाने के लिए एक कॉमन एप्लीकेशन विकसित की जाए।
चीफ जस्टिस देवेंद्र कुमार उपाध्याय और जस्टिस तुषार राव गेडेला की खंडपीठ ने निर्देश दिया कि कॉमन एप्लीकेशन के विकास की संभावनाओं पर चर्चा करने के लिए DDA के कार्यवाहक उपाध्यक्ष और एनडीएमसी और MCD के नगर आयुक्तों की एक बैठक बुलाई जाए।
अदालत ने कहा,
"हमें उम्मीद है कि ये तीनों एजेंसियां शिकायत करने की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए कॉमन ऐप विकसित करने के लिए अपना पूरा प्रयास करेंगी।"
खंडपीठ जन सेवा वेलफेयर सोसाइटी द्वारा शहर में स्वच्छ जल और बिजली आपूर्ति के साथ स्वच्छ सार्वजनिक मूत्रालयों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए दायर जनहित याचिका पर विचार कर रही थी। MCD द्वारा दायर स्टेट्स रिपोर्ट में कहा गया कि शौचालयों का तीसरे पक्ष द्वारा ऑडिट किया गया और शौचालयों की स्थिति संतोषजनक पाई गई।
यह भी कहा गया कि MCD ने सार्वजनिक शौचालयों से संबंधित शिकायतों के निवारण के लिए शिकायतें प्राप्त करने के लिए ऐप लॉन्च किया। इस पर अदालत ने दिल्ली नगर निगम को समाचार पत्रों के माध्यम से और प्रचार के अन्य साधनों का सहारा लेकर व्यापक रूप से एप्लिकेशन की उपलब्धता को प्रचारित करने के लिए उचित कदम उठाने का निर्देश दिया।
इसमें कहा गया कि ऐप की उपलब्धता के बारे में ऐसी जानकारी संबंधित शौचालयों पर भी प्रदर्शित की जाएगी।
अदालत ने निर्देश दिया,
"शहर में शौचालयों की खराबी से संबंधित शिकायतों को दूर करने के उद्देश्य से ऐप की उपयोगिता को ध्यान में रखते हुए हमारा विचार है कि यदि एक एकल/सामान्य ऐप विकसित किया जाता है, जिसका उपयोग सभी एजेंसियों अर्थात् MCD NDMC और DDA द्वारा किया जाता है तो नागरिकों के लिए इस संबंध में शिकायत दर्ज करना और निवारण प्राप्त करना आसान हो जाएगा।"
मामले की सुनवाई अब 09 अप्रैल को होगी।
याचिका में प्रतिवादियों को दिल्ली में सभी उपलब्ध और कार्यात्मक रूप से निर्मित सार्वजनिक मूत्रालयों का निरीक्षण करने और अधिक सार्वजनिक शौचालयों के निर्माण के लिए कदम उठाने के निर्देश देने की मांग की गई।
इसमें कहा गया कि दिल्ली में आम जनता को सार्वजनिक शौचालयों के खराब रखरखाव के कारण विभिन्न समस्याओं का सामना करना पड़ता है, जिनका ठीक से रखरखाव नहीं किया जाता है और उनमें स्वच्छता का भी अभाव होता है।
इसमें कहा गया कि उचित स्वच्छता की कमी से घृणित वातावरण और संक्रामक रोग होते हैं, जो सामाजिक खतरों का कारण बन सकते हैं।
टाइटल: जन सेवा वेलफेयर सोसाइटी (रजि.) बनाम भारत संघ और अन्य।