CPC की धारा 60(1)(CCC) | दिल्ली हाईकोर्ट ने गुजारा भत्ता के लिए व्यक्ति की पैतृक संपत्ति की नीलामी पर रोक लगाई

Amir Ahmad

5 Aug 2025 11:38 AM IST

  • CPC की धारा 60(1)(CCC) | दिल्ली हाईकोर्ट ने गुजारा भत्ता के लिए व्यक्ति की पैतृक संपत्ति की नीलामी पर रोक लगाई

    दिल्ली हाईकोर्ट ने मजिस्ट्रेट अदालत के उस आदेश पर रोक लगा दी, जिसमें पत्नी द्वारा गुजारा भत्ता भुगतान की मांग करते हुए दायर की गई निष्पादन याचिका में पारिवारिक संपत्ति में पति के कथित हिस्से की नीलामी का निर्देश दिया गया था।

    यह तब हुआ जब पति ने CPC की धारा 60(1)(CCC) के उल्लंघन का हवाला दिया, जिसके अनुसार प्रत्येक व्यक्ति को निवास करने का अधिकार है और किसी व्यक्ति के पास मौजूद एकमात्र आवास के विरुद्ध निष्पादन नहीं किया जा सकता।

    यह कहते हुए कि CPC की धारा 60(1)(CCC) के तहत प्रदत्त संरक्षण के संबंध में महत्वपूर्ण कानूनी मुद्दा उठाया गया, हाईकोर्ट ने स्थगन आदेश दिया।

    प्रतिवादी-पत्नी ने दिनांक 26.04.2017 और 20.08.2020 को अनुकूल भरण-पोषण आदेश प्राप्त किए।

    भुगतान न होने से व्यथित होकर उसने मजिस्ट्रेट कोर्ट का रुख किया, जिसके परिणामस्वरूप पैतृक संपत्ति के एक हिस्से की कुर्की और बिक्री का आदेश दिया गया।

    पति के भाइयों यानी याचिकाकर्ताओं ने इस आदेश को चुनौती दी और संपत्ति के सह-स्वामी होने का दावा करते हुए इस बात पर ज़ोर दिया कि यह उनका प्राथमिक निवास है।

    उन्होंने धारा 60(1)(CCC) का हवाला दिया जो ऋणी की मुख्य आवासीय संपत्ति को कुर्की और बिक्री से बचाती है।

    यह भी तर्क दिया गया कि प्रतिवादी-पत्नी इस तथ्य से अच्छी तरह वाकिफ थी कि पारिवारिक समझौता हुआ था। संबंधित संपत्ति उसके पति (प्रतिवादी नंबर 2) के स्वामित्व और कब्जे में नहीं थी।

    पत्नी के वकील ने तर्क दिया कि कथित समझौता समझौता एक दिखावा है और मजिस्ट्रेट ने भी इसे अविश्वसनीय बताते हुए इस पर फैसला सुनाया था। इसके अलावा, उसने यह भी दलील दी कि संबंधित संपत्ति अविभाजित संपत्ति है और पति का उसमें अपना हिस्सा है, जिसे उसने अपने बयान में स्वीकार किया।

    हाईकोर्ट का विचार था कि यदि एग्रीमेंट डीड की सत्यता के संबंध में उठाए गए तर्कों पर विचार किए बिना संपत्ति के एक-चौथाई हिस्से को बेचने की अनुमति दी जाती है तो याचिकाकर्ताओं को अपूरणीय क्षति हो सकती है।

    विवाद के उचित निपटारे के लिए न्यायालय ने अगली सुनवाई तिथि अर्थात 28 अगस्त तक नीलामी पर रोक लगा दी गई।

    केस टाइटल: राज कुमार एवं अन्य बनाम पूनम

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