दिल्ली हाईकोर्ट करण जौहर के व्यक्तित्व अधिकारों की सुरक्षा के लिए अंतरिम आदेश देगा

Amir Ahmad

17 Sept 2025 5:21 PM IST

  • दिल्ली हाईकोर्ट करण जौहर के व्यक्तित्व अधिकारों की सुरक्षा के लिए अंतरिम आदेश देगा

    दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार (17 सितंबर) को मौखिक रूप से संकेत दिया कि वह बॉलीवुड फिल्म निर्माता और निर्माता करण जौहर के पक्ष में अंतरिम निषेधाज्ञा आदेश पारित करेगा।

    यह आदेश उनकी उस याचिका पर दिया जाएगा, जिसमें कुछ कथित उल्लंघन करने वाली सामग्री के खिलाफ उनके व्यक्तित्व अधिकारों की सुरक्षा की मांग की गई।

    जस्टिस मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा ने कहा कि प्रतिवादी 14, 15 और 16, जिनमें सोशल मीडिया मध्यस्थ गूगल, मेटा और एक्स शामिल हैं, को याचिका में सूचीबद्ध यूजर्स की बुनियादी जानकारी और आईटी लॉग विवरण प्रदान करने होंगे।

    कोर्ट ने जौहर के मुख्य मुकदमे में प्रतिवादी संस्थाओं 2-5 और 7-10 (गिफी, पिंटरेस्ट जैसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म) को भी समन जारी किया है।

    कोर्ट ने मौखिक रूप से कहा,

    अंतरिम राहत के आवेदन में मैं एक विस्तृत आदेश पारित करूंगा। निषेधाज्ञा दी जाएगी।

    कोर्ट ने प्रतिवादी 11 (Redbubble) के वकील के इस बयान को भी दर्ज किया कि वह याचिका में सूचीबद्ध आपत्तिजनक सामग्री को एक सप्ताह के भीतर हटा देगा।

    करण जौहर ने अपनी याचिका में दावा किया कि कई संस्थाएं, जिनमें 'अज्ञात संस्थाएं' (John Does) भी शामिल हैं, उनकी अनुमति के बिना मौद्रिक लाभ के लिए उनके नाम, छवि आदि का उपयोग कर रही हैं।

    जौहर की ओर से पेश हुए सीनियर एडवोकेट राजशेखर राव ने तर्क दिया कि ये संस्थाएं उनके व्यक्तित्व पर हमला करने के लिए व्यंग्यात्मक संकेतों का उपयोग कर रही हैं।

    उन्होंने कहा,

    "यह ऐसा व्यंग्य है, जो विशेष रूप से मेरे व्यक्तित्व पर हमला करता है।"

    राव ने कहा कि वे मेरे खिलाफ कुछ पोस्ट करते हैं। फिर उस पर टिप्पणियां आती हैं, जिसके जरिए मुझे उपहास का पात्र बनाया जाता है। उन्होंने कहा कि वह हमेशा से इन बातों को नजरअंदाज करते रहे हैं, लेकिन हाल ही में यह एक प्रवृत्ति बन गई है, जिसमें लोग ऐसा करके अपनी वेबसाइट पर ट्रैफिक बढ़ाते हैं और उससे पैसे कमाते हैं।

    यह ध्यान देने योग्य है कि हाईकोर्ट ने पिछले सप्ताह एक्ट्रेस ऐश्वर्या राय बच्चन के व्यक्तित्व अधिकारों की सुरक्षा के लिए भी आदेश पारित किया था। कोर्ट ने कहा था कि किसी व्यक्ति के व्यक्तिगत गुणों का अनधिकृत शोषण निजता के अधिकार का उल्लंघन करता है और सम्मान के साथ जीवन जीने के अधिकार को कमजोर करता है।

    इसी तरह की एक याचिका में कोर्ट ने एक्टर अभिषेक बच्चन के व्यक्तित्व अधिकारों की भी सुरक्षा की थी, जिसमें विभिन्न संस्थाओं को उनकी अनुमति के बिना मौद्रिक लाभ के लिए उनकी छवि, नाम, आवाज या उनके व्यक्तित्व के अन्य तत्वों का दुरुपयोग करने से रोका गया था।

    कोर्ट ने कहा था कि प्रौद्योगिकी का उपयोग करके बच्चन को ऐसे माहौल में चित्रित करना जो भ्रामक, अपमानजनक या अनुचित है उनके निजता के अधिकार का उल्लंघन है।

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