पर्सनेलिटी राइट्स मामले में सुधीर चौधरी को राहत, हाईकोर्ट ने उनके खिलाफ AI और डीपफेक वीडियो हटाने का आदेश दिया
Amir Ahmad
10 Oct 2025 3:54 PM IST

दिल्ली हाईकोर्ट ने डीडी न्यूज़ के संपादक-इन-चीफ और पत्रकार सुधीर चौधरी के व्यक्तित्व अधिकारों की सुरक्षा के लिए अंतरिम आदेश पारित किया। चौधरी ने सोशल मीडिया पर उनके खिलाफ कथित तौर पर गुमराह करने वाले और AI-जनरेटेड वीडियो के प्रसार पर रोक लगाने की मांग की।
जस्टिस मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा ने अपने आदेश में कहा कि मुकदमे में उल्लिखित लिंक्स के अतिरिक्त चौधरी YouTube पर डीपफेक वीडियो से संबंधित अन्य लिंक्स भी दाखिल करना चाहते हैं।
अदालत ने इसके बाद निर्देश दिया,
"निषेधाज्ञा प्रदान की जाती है। हम इसे सुधीर चौधरी के नाम, छवि, रूप और आवाज़ के लिए देंगे।"
कोर्ट ने निर्देश दिया कि चौधरी प्रतिवादी संस्थाओं और गूगल एलएलसी को आदेश की कॉपी सौंपेंगे और प्रतिवादी संस्थाएं 48 घंटे के भीतर उल्लंघनकारी लिंक्स को हटा देंगी।
कोर्ट ने आगे कहा,
"यदि वे ऐसा करने में विफल रहते हैं तो प्रतिवादी 2 (गूगल एलएलसी) उन लिंक्स को हटा देगा।"
अदालत ने प्रतिवादियों की मूल सब्सक्राइबर जानकारी (Basic Subscriber Information - BSI) तीन सप्ताह के भीतर प्रदान करने का भी निर्देश दिया।
कोर्ट ने मुख्य मुकदमे में समन जारी करते हुए चौधरी को अज्ञात प्रतिवादियों की BSI जानकारी प्राप्त होने के बाद संशोधित पक्षकार ज्ञापन दाखिल करने का निर्देश दिया। चूंकि मेटा और गूगल पक्षकार नहीं थे, इसलिए उन्हें समन जारी नहीं किया गया।
कोर्ट ने यह भी कहा कि चौधरी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म गूगल एलएलसी और मेटा प्लेटफॉर्म्स को मुकदमे में चुनौती दी गई सामग्री के समान सामग्री के बारे में सूचित कर सकते हैं, जिसे प्लेटफॉर्म 48 घंटे के भीतर हटा देंगे।
चौधरी की ओर से पेश हुए सीनियर एडवोकेट राजशेखर राव ने तर्क दिया कि YouTube पर AI-जनरेटेड वीडियो उपलब्ध हैं और ये सभी अनाधिकृत हैं।
उन्होंने कहा,
"इनमें से कोई भी वीडियो मेरा नहीं है और कुछ में ऐसे बयान दिए गए, जो मैंने कभी नहीं दिए।"
राव ने कहा कि चौधरी का एक हलफनामा जिसमें अतिरिक्त लिंक्स शामिल होंगे, 20 अक्टूबर तक दाखिल किया जाएगा।
पत्रकार ने सोशल मीडिया पर उनके खिलाफ कथित रूप से गुमराह करने वाले और AI-जनरेटेड वीडियो के प्रसार के खिलाफ अपने व्यक्तित्व अधिकारों की सुरक्षा की मांग की।
गौरतलब है कि हाल ही में इसी तरह के मामलों में हाईकोर्ट की समन्वय पीठों ने आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रवि शंकर, तेलुगु अभिनेता नागार्जुन, बॉलीवुड एक्टर ऐश्वर्या राय बच्चन, अभिषेक बच्चन और फिल्म निर्माता करण जौहर के व्यक्तित्व अधिकारों की सुरक्षा के लिए भी आदेश पारित किए हैं।

