जम्मू-कश्मीर के उपमुख्यमंत्री के मानहानि मामले में दिल्ली हाईकोर्ट का निर्देश: सोशल मीडिया अपलोडरों को पक्षकार बनाया जाए
Amir Ahmad
9 Dec 2025 1:08 PM IST

दिल्ली हाईकोर्ट ने जम्मू-कश्मीर के उपमुख्यमंत्री सुरिंदर कुमार चौधरी को निर्देश दिया कि वह अपनी मानहानि याचिका में उन व्यक्तियों को भी पक्षकार बनाएं, जिन्होंने उनके विरुद्ध कथित आपत्तिजनक सामग्री सोशल मीडिया पर अपलोड की।
जस्टिस अमित बंसल ने चौधरी द्वारा दायर उस आवेदन को स्वीकार कर लिया, जिसके माध्यम से मामले की सुनवाई की तारीख आगे किए जाने की मांग की गई थी। यह प्रकरण पहले 13 जनवरी 2026 को सूचीबद्ध था, जिसे अब 16 दिसंबर को सुनवाई के लिए तय किया गया।
अदालत ने अपने आदेश में कहा कि वादी अपलोडरों को पक्षकार बनाकर उन्हें अग्रिम प्रति की सेवा सुनिश्चित करें। साथ ही सोशल मीडिया मंच से जुड़े पक्ष को निर्देश दिया गया कि वे कथित सामग्री अपलोड करने वालों के बारे में उपलब्ध इंटरनेट प्रोटोकॉल पते तथा मूल ग्राहकों से संबंधित विवरण तीन दिनों के भीतर याचिकाकर्ता को उपलब्ध कराएं।
सुनवाई के दौरान उपमुख्यमंत्री की ओर से सीनियर एडवोकेट राजीव नैयर ने अदालत को बताया कि इंटरनेट पर प्रसारित वीडियो में उनके मुवक्किल के चेहरे को एक महिला के साथ जोड़ते हुए अशोभनीय ढंग से प्रस्तुत किया गया, जिससे उनकी छवि को गंभीर क्षति पहुंची है। उन्होंने इन सामग्रियों को तत्काल हटाने का अनुरोध किया।
हालांकि, अदालत ने स्पष्ट किया कि किसी भी सामग्री को हटाने का आदेश पारित करने से पहले आवश्यक है कि जिन लोगों ने यह सामग्री अपलोड की, उन्हें विधिवत पक्षकार बनाया जाए और उन्हें सुनवाई का अवसर दिया जाए।
न्यायालय ने यह भी उल्लेख किया कि प्रथम दृष्टया अधिकांश प्रतिवादी समाचार माध्यम प्रतीत होते हैं।
पूर्व में अदालत को अवगत कराया गया था कि कथित आपत्तिजनक सामग्री, जिसमें यौन संकेत निहित हैं, सोशल मीडिया पर दो वर्ष पूर्व अपलोड की गई और इसके कई इंटरनेट लिंक समाचार एजेंसियों से जुड़े प्रकाशनों से संबंधित हैं।
न्यायालय ने विभिन्न डिजिटल मंचों को यह आदेश भी दिया कि वे संबंधित सामाजिक नेटवर्क पृष्ठों एवं वीडियो चैनलों का विवरण उपमुख्यमंत्री को उपलब्ध कराएं ताकि उन्हें याचिका में विधिवत शामिल किया जा सके।
मामले की अगली सुनवाई 16 दिसंबर को निर्धारित है।

