दिल्ली हाईकोर्ट ने दिया जेल में बंद सांसद इंजीनियर राशिद की याचिका पर विभाजित फैसला, मामला चीफ जस्टिस की पीठ को भेजा गया

Amir Ahmad

7 Nov 2025 4:42 PM IST

  • दिल्ली हाईकोर्ट ने दिया जेल में बंद सांसद इंजीनियर राशिद की याचिका पर विभाजित फैसला, मामला चीफ जस्टिस की पीठ को भेजा गया

    जम्मू-कश्मीर के बारामूला से सांसद इंजीनियर राशिद की याचिका पर शुक्रवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने विभाजित फैसला सुनाया। राशिद ने ट्रायल कोर्ट द्वारा संसद सत्र में शामिल होने के लिए दी गई हिरासत परोल की अनुमति के साथ लगाए गए चार लाख रुपये के खर्चे को चुनौती दी थी।

    जस्टिस विवेक चौधरी और जस्टिस अनुप जयराम भांबनी की खंडपीठ में इस मामले की सुनवाई हुई। जहां जस्टिस विवेक चौधरी ने राशिद की याचिका को खारिज कर दिया, वहीं जस्टिस भांबनी ने याचिका को स्वीकार कर लिया।

    दोनों जजों के बीच मतभेद होने के कारण अब यह मामला चीफ जस्टिस की पीठ के समक्ष रखा जाएगा, जो इस पर अंतिम निर्णय लेगी।

    राशिद ने मार्च 25 को पारित उस आदेश में संशोधन की मांग की थी, जिसमें अदालत ने उन्हें संसद सत्र में शामिल होने के लिए जेल अधिकारियों के पास लगभग 4 लाख जमा करने का निर्देश दिया था। यह राशि सुरक्षा और अन्य खर्चों के लिए निर्धारित की गई।

    राशिद की ओर से सीनियर एडवोकेट एन. हरिहरन ने अदालत में दलील दी कि उनके मुवक्किल अपने निर्वाचन क्षेत्र बारामूला का प्रतिनिधित्व नहीं कर पा रहे हैं, क्योंकि अदालत ने उन पर संसद में उपस्थिति के लिए प्रतिदिन भारी खर्च वहन करने की शर्त लगाई।

    उन्होंने कहा कि दिल्ली जेल नियमों में पुलिस अधिकारियों के वेतन को ऐसे खर्च में शामिल करने का कोई प्रावधान नहीं है। इस तरह की अधिसूचना नियमों का उल्लंघन करती है।

    हरिहरन ने यह भी कहा कि राशिद उचित खर्चों का भुगतान करने को तैयार हैं, जैसे पुलिस अधिकारियों के भोजन आदि के लिए, लेकिन वह उनके वेतन का वहन नहीं कर सकते।

    वहीं दिल्ली पुलिस की ओर से पेश वकील ने अदालत में राशिद पर लगाए गए खर्च की पूरी गणना का ब्यौरा प्रस्तुत किया। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की ओर से सीनियर एडवोकेट सिद्धार्थ लूथरा, विशेष लोक अभियोजक अक्षै मलिक और अधिवक्ता ख्वार सलीम उपस्थित रहे।

    गौरतलब है कि इंजीनियर राशिद 2024 के लोकसभा चुनाव में बारामूला सीट से निर्वाचित हुए थे। वह 2019 से तिहाड़ जेल में बंद हैं, जब NIA ने उन्हें 2017 के कथित आतंकवाद फंडिंग मामले में गैरकानूनी गतिविधियां (निवारण) अधिनियम यानी UAPA के तहत गिरफ्तार किया था।

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