दिल्ली हाईकोर्ट ने 'FCRA उल्लंघन' पर एफआईआर रद्द करने की मांग वाली हर्ष मंदर की याचिका पर नोटिस जारी किया

Shahadat

22 April 2024 6:24 AM GMT

  • दिल्ली हाईकोर्ट ने FCRA उल्लंघन पर एफआईआर रद्द करने की मांग वाली हर्ष मंदर की याचिका पर नोटिस जारी किया

    दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को सोशल एक्टिविस्ट हर्ष मंदर और उनके एनजीओ सेंटर फॉर इक्विटी स्टडीज द्वारा दायर याचिका पर नोटिस जारी किया। उक्त याचिका में विदेशी योगदान (विनियमन) अधिनियम के कथित उल्लंघन पर केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) द्वारा उनके खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर रद्द करने की मांग की गई।

    जस्टिस विकास महाजन ने जांच एजेंसी को स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया और मामले को 29 अगस्त को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया।

    याचिकाकर्ताओं की ओर से सीनियर एडवोकेट नित्या रामकृष्ण और एडवोकेट सरीम नावेद पेश हुए। CBI की ओर से एसपीपी अनुपम एस शर्मा पेश हुए।

    शर्मा ने अदालत को बताया कि सुनवाई की अगली तारीख तक मंदर और एनजीओ के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी। मौखिक दलील देते हुए शर्मा ने अदालत से अनुरोध किया कि इसे रिकॉर्ड पर न लिया जाए।

    मंदर और उनके एनजीओ ने इस आधार पर एफआईआर रद्द करने की मांग की कि छह महीने की प्रारंभिक जांच से पता चलता है कि कोई संज्ञेय अपराध नहीं किया गया।

    उनकी याचिका में कहा गया कि एफआईआर अस्पष्ट है और ऐसा लगता है कि इसमें उल्लिखित दंडात्मक प्रावधानों की सामग्री पर ध्यान दिए बिना ही इसे दर्ज किया गया।

    एफआईआर में आरोप है कि एनजीओ ने एफसीआरए का उल्लंघन करते हुए 2020-21 के दौरान व्यक्ति के खाते में उसके एफसीआरए खाते से वेतन या मजदूरी या पारिश्रमिक के अलावा 32,71,915 रुपये जमा किए गए।

    याचिका में तर्क दिया गया कि विचाराधीन राशि को किसी विशिष्ट व्यक्ति को हस्तांतरित करने के लिए निर्दिष्ट नहीं किया गया और अवैधता की ओर भी ध्यान नहीं दिया गया। यह दावा किया गया कि एफसीआरए फंड का उपयोग तत्काल COVID-19 ​​राहत कार्यों के लिए किया गया।

    याचिका में कहा गया,

    "इस एफआईआर का उद्देश्य स्पष्ट रूप से याचिकाकर्ताओं को परेशान करना और अपमानित करना है। यह बिना किसी कानूनी मानक के है, इसलिए इसे रद्द किया जाना चाहिए।"

    केस टाइटल: इक्विटी अध्ययन केंद्र एवं अन्य बनाम केंद्रीय जांच ब्यूरो

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