न कोई पीड़ित, न कोई अपराधी: दिल्ली हाईकोर्ट ने नाबालिग पत्नी से संबंध के मामले में पति को दी अंतरिम जमानत

Amir Ahmad

20 Sept 2025 12:32 PM IST

  • न कोई पीड़ित, न कोई अपराधी: दिल्ली हाईकोर्ट ने नाबालिग पत्नी से संबंध के मामले में पति को दी अंतरिम जमानत

    दिल्ली हाईकोर्ट ने एक 24 वर्षीय युवक को पॉक्सो अधिनियम (POCSO Act) के मामले में अंतरिम जमानत दी। यह मामला तब सामने आया, जब दिल्ली पुलिस ने दावा किया कि उनकी शादी से पहले उनके आपसी सहमति से बने संबंध के समय उसकी पत्नी नाबालिग थी, जिससे उसकी सहमति कानूनी रूप से अप्रासंगिक हो गई।

    जस्टिस अरुण मोंगा ने इस मामले को अजीब बताते हुए कहा कि इसमें न तो कोई पीड़ित है, न कोई अपराधी और न ही कोई शिकायतकर्ता। फिर भी 24 वर्षीय आरोपी कानून के घेरे में है। कोर्ट ने यह भी कहा कि इस मामले को और भी खास बनाता है कि दोनों ने आपसी सहमति से संबंध के बाद इस्लामी कानून के तहत शादी कर ली, जिसका एक वैध विवाह प्रमाणपत्र भी काजी द्वारा जारी किया गया और दंपति का एक बेटा भी है।

    कोर्ट में मौजूद 20 वर्षीय पत्नी ने कहा कि उसे और उनके नवजात बेटे को एक बाल कल्याण केंद्र में जबरन रखा गया है, जो उसके लिए बिना किसी गलती के कारावास जैसा है।

    आरोपी को राहत देते हुए कोर्ट ने कहा कि वह 15 जून 2024 को दर्ज हुई FIR के बाद से ही मुकदमे के दौरान जेल में बंद है।

    कोर्ट ने यह देखते हुए कि पति और पत्नी दोनों को एक ऐसे मामले में स्वतंत्रता से वंचित किया जा रहा है, जिसमें कोई भी दूसरे को पीड़ित नहीं मानता है, कहा:

    "दलीलों को कुछ देर तक सुनने के बाद मैं इस निष्कर्ष पर पहुंचा हूं कि याचिकाकर्ता जो अदालत में मौजूद है, उसे अंतरिम जमानत पर तुरंत रिहा किया जाना चाहिए।"

    जस्टिस मोंगा ने पुलिस को यह सुनिश्चित करने का आदेश दिया कि अगली सुनवाई जो 23 सितंबर, 2025 को है, पर पति और पत्नी दोनों अदालत में मौजूद रहें। इस बीच आरोपी को हर दिन दो घंटे के लिए बाल कल्याण केंद्र में अपनी पत्नी और नाबालिग बेटे से मिलने की अनुमति दी गई।

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