दिल्ली हाईकोर्ट ने स्टूडेंट्स को कक्षाओं में उपस्थित हुए बिना परीक्षा देने की अनुमति देने वाले डमी स्कूलों के निरीक्षण का आदेश दिया
Amir Ahmad
4 Feb 2025 11:46 AM IST

दिल्ली हाईकोर्ट ने हाल ही में निर्देश दिया कि राष्ट्रीय राजधानी में ऐसे डमी स्कूलों का निरीक्षण किया जाए, जो स्टूडेंट्स को कक्षाओं में उपस्थित हुए बिना परीक्षा देने की सुविधा प्रदान कर रहे हैं।
चीफ जस्टिस देवेंद्र कुमार उपाध्याय और जस्टिस तुषार राव गेडेला की खंडपीठ ने दिल्ली सरकार और केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) को सर्वेक्षण या निरीक्षण करने और इस मुद्दे पर अनुमेय कार्रवाई करने का निर्देश दिया।
न्यायालय ने पाया कि डमी स्कूल विभिन्न कोचिंग सेंटरों को अपनी सेवाएं दे रहे हैं, जहां युवा स्टूडेंट स्कूल के समय में अपनी कक्षाओं में उपस्थित नहीं होते हैं और अपना समय कोचिंग सेंटरों में बिताते हैं।
उन्होंने कहा कि स्टूडेंट्स को शिक्षा बोर्ड द्वारा आयोजित परीक्षा देने की अनुमति है, जहां उन्हें न्यूनतम अपेक्षित संख्या में उपस्थिति दर्ज करानी होती है।
खंडपीठ ने डॉ. राजीव अग्रवाल द्वारा दायर जनहित याचिका (PIL) पर विचार करते हुए यह निर्देश दिया।
खंडपीठ ने कहा कि जनहित याचिका में मुद्दा न केवल जनहित की चिंताओं को उठाता है, बल्कि युवा स्टूडेंट्स की शिक्षा से भी सीधे तौर पर जुड़ा हुआ है।
“जनहित याचिका उन डमी स्कूलों से संबंधित है, जो अपने परिसर और अन्य सुविधाएं केवल स्टूडेंट्स को दिल्ली में विभिन्न शिक्षा बोर्डों द्वारा आयोजित की जाने वाली परीक्षा देने की अनुमति देने के उद्देश्य से देते हैं। हालांकि ऐसे स्टूडेंट्स कभी भी स्कूलों में कक्षाओं में नहीं जाते हैं।”
खंडपीठ ने आगे कहा कि दिल्ली के बाहर के स्टूडेंट्स को ऐसी सेवाएं देकर ऐसे स्कूल उच्च शिक्षा और व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में एडमिशन मामले में राष्ट्रीय राजधानी के निवासियों को उपलब्ध आरक्षण का लाभ लेने के लिए दिल्ली से बाहर के स्कूलों को अवैध सुविधाएं दे रहे हैं।
अदालत ने दिल्ली सरकार और CBSE को निर्देश दिया कि वे डमी स्कूलों के संचालन के बारे में कोई जानकारी मिलने पर की गई कार्रवाई का विवरण देते हुए अतिरिक्त हलफनामा दाखिल करें।
न्यायालय ने आदेश दिया,
"हम दिल्ली सरकार के शिक्षा विभाग को सर्वेक्षण करने का निर्देश देते हैं। यदि आवश्यक हो तो आवश्यक जानकारी एकत्र करने और CBSE के साथ साझा करने के लिए औचक निरीक्षण भी किए जाएं।"
इसने CBSE को आवश्यक जानकारी एकत्र करने और उसे दिल्ली सरकार के साथ साझा करने का भी निर्देश दिया।
न्यायालय ने निर्देश दिया कि एक बार जानकारी एकत्र हो जाने के बाद दिल्ली सरकार और CBSE दोनों द्वारा ऐसे संस्थानों के प्रबंधन के खिलाफ कानून में स्वीकार्य आवश्यक कार्रवाई भी की जाएगी।
इस मामले की सुनवाई अब 07 मई को होगी।
केस टाइटल: डॉ. राजीव अग्रवाल बनाम दिल्ली सरकार और अन्य।