संसद सुरक्षा उल्लंघन मामले में आरोपियों को गिरफ्तारी के आधार प्रदान किए गए: दिल्ली पुलिस ने हाईकोर्ट में बताया

Amir Ahmad

21 May 2025 2:11 PM IST

  • संसद सुरक्षा उल्लंघन मामले में आरोपियों को गिरफ्तारी के आधार प्रदान किए गए: दिल्ली पुलिस ने हाईकोर्ट में बताया

    दिल्ली पुलिस ने बुधवार को दिल्ली हाईकोर्ट को बताया कि 13 दिसंबर, 2023 को हुए संसद सुरक्षा उल्लंघन मामले में आरोपी नीलम आज़ाद और महेश कुमावत को गिरफ्तारी के आधार प्रदान किए गए।

    जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद और जस्टिस हरीश वैद्यनाथन शंकर की खंडपीठ ने दोनों आरोपियों द्वारा दायर जमानत याचिकाओं पर आदेश सुरक्षित रखा।

    कोर्ट ने मंगलवार को मामले में फैसला सुरक्षित रखा गया था लेकिन जमानत याचिकाओं को फिर से इस सीमित तर्क पर सूचीबद्ध किया गया कि क्या आरोपियों को गिरफ्तारी के आधार प्रदान किए गए थे।

    दिल्ली पुलिस की ओर से पेश हुए वकील ने कहा कि केस डायरी, गिरफ्तारी ज्ञापन, रिमांड आवेदन के साथ-साथ ट्रायल कोर्ट के आदेश में दर्ज किए गए दोनों को गिरफ्तारी के आधार प्रदान किए गए थे।

    आरोपी नीलम की ओर से पेश हुए वकील ने कहा कि मामले को कवर करने वाले सभी समाचार पत्रों या टीवी चैनलों ने इसे संसद सुरक्षा उल्लंघन के रूप में संदर्भित किया, न कि आतंकवादी हमला।

    इस पर खंडपीठ ने कहा कि वकील कोई राजनीतिक भाषण नहीं दे रहे हैं और उन्हें कानून के दायरे में रहना चाहिए।

    जस्टिस प्रसाद ने टिप्पणी की,

    "अदालत के बारे में ज़्यादा न बोलें। हम अख़बारों में छपी बातों से निर्देशित नहीं होंगे।"

    वकील ने जवाब दिया कि आरोपी ने कोई खुला आतंकी कृत्य नहीं किया।

    वकील ने कहा,

    "मेरे नारे देखिए, मेरा व्यवहार देखिए, मेरी पिछली ज़िंदगी देखिए, मेरी शिक्षा देखिए... मैं संवैधानिक अदालत के सामने सिर्फ़ अपने संवैधानिक अधिकार के लिए आया हूं।"

    इसके बाद अदालत ने मामले को सुरक्षित रख लिया।

    इससे पहले खंडपीठ ने दिल्ली पुलिस से पूछा कि क्या आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ़ सख्त UAPA के तहत अपराध बनता है।

    इससे पहले पीठ ने मौखिक रूप से टिप्पणी की थी कि अगर धूम्रपान करने वाले कनस्तर का इस्तेमाल करना आतंकवादी कृत्य है तो हर होली और आईपीएल मैच भी UAPA के तहत अपराध के दायरे में आएगा।

    अदालत ने दिल्ली पुलिस से यह बताने को कहा था कि क्या धूम्रपान करने वाले कनस्तर को ले जाना या उसका इस्तेमाल करना जो जानलेवा नहीं है, UAPA के तहत आतंकवादी कृत्य के अपराध के दायरे में आता है।

    आज़ाद की ज़मानत याचिका का विरोध करते हुए दिल्ली पुलिस ने अदालत को बताया कि मामले में आरोपी व्यक्ति 2001 के संसद हमले की भयावह यादें भव्य नए संसद भवन में वापस लाना चाहते थे।

    2001 के संसद आतंकवादी हमले की वर्षगांठ पर एक बड़े सुरक्षा उल्लंघन में दो व्यक्ति शून्यकाल सत्र के दौरान सार्वजनिक गैलरी से लोकसभा के कक्ष में कूद गए। दोनों की पहचान सागर शर्मा और मनोरंजन डी के रूप में हुई।

    सोशल मीडिया पर सामने आई तस्वीरों और वीडियो में दोनों को पीले रंग की गैस छोड़ने वाले कनस्तर पकड़े हुए देखा गया था। वे नारे भी लगा रहे थे। हालांकि, कुछ सांसदों ने उन्हें काबू में कर लिया।

    अमोल शिंदे और नीलम आज़ाद के रूप में पहचाने गए दो अन्य आरोपियों ने भी संसद परिसर के बाहर इसी तरह के कनस्तरों से रंगीन गैस का छिड़काव किया। वे कथित तौर पर चिल्ला रहे थे- 'तानाशाही नहीं चलेगी।'

    केस टाइटल: नीलम आज़ाद बनाम राज्य और अन्य संबंधित मामले

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