दिल्ली हाईकोर्ट ने संसद में उपस्थित होने के लिए 4 लाख के जुर्माने के खिलाफ सांसद इंजीनियर राशिद की याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा

Amir Ahmad

18 Aug 2025 5:42 PM IST

  • दिल्ली हाईकोर्ट ने संसद में उपस्थित होने के लिए 4 लाख के जुर्माने के खिलाफ सांसद इंजीनियर राशिद की याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा

    दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को जेल में बंद जम्मू-कश्मीर के सांसद इंजीनियर राशिद की याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया, जिसमें उन्होंने संसद में उपस्थित होने के लिए हिरासत में पैरोल देते समय निचली अदालत द्वारा उन पर लगाए गए जुर्माने को चुनौती दी थी।

    जस्टिस विवेक चौधरी और जस्टिस अनूप जयराम भंभानी की खंडपीठ ने फैसला सुरक्षित रख लिया।

    सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस की ओर से पेश वकील ने अदालत को राशिद पर लगाए गए जुर्माने की राशि की गणना का ब्यौरा समझाया।

    जस्टिस भंभानी ने मौखिक रूप से कहा कि अगर राशिद को अंतरिम ज़मानत पर भी रिहा नहीं किया गया। वह हिरासत में संसद में उपस्थित होने जा रहे हैं तो जेल अधिकारियों द्वारा यह खर्च क्यों नहीं उठाया जाना चाहिए।

    जज ने कहा,

    "आप शांति और पुलिस अधिकारियों आदि की बात करते हैं लेकिन इस आदमी को अपनी आज़ादी भी वापस नहीं मिली। हमने उसे अंतरिम ज़मानत नहीं दी है। जेल उसके साथ यात्रा कर रही है। वह हिरासत में है। जब जेल उसके साथ यात्रा करता है तो होने वाला खर्च जेल को ही उठाना पड़ता है।”

    सीनियर एडवोकेट एन हरिहरन राशिद की ओर से पेश हुए और उन्होंने कहा कि पुलिस अधिकारियों का वेतन (खर्चों में से एक) दिल्ली कारागार नियमों में शामिल नहीं है। उन्होंने कहा कि अधिसूचना नियमों को दरकिनार नहीं कर सकती।

    अदालत के सवाल पर हरिहरन ने कहा कि राशिद तब तक बाहर रह सकते हैं, जब तक संसद सत्र विशेष दिनों में चलता है।

    उन्होंने कहा,

    "कभी यह चार घंटे का हो सकता है। कभी बारह घंटे का। एक दिन तो देर रात तक चला यह मेरे हाथ में नहीं है।”

    इसके अलावा हरिहरन ने कहा कि राशिद पुलिस अधिकारियों के दोपहर और रात के खाने सहित उचित खर्च वहन कर सकते हैं लेकिन वह उनके वेतन का भुगतान करने की स्थिति में नहीं होंगे।

    वकीलों की सुनवाई के बाद अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।

    राशिद 25 मार्च को एक समन्वय पीठ द्वारा पारित उस आदेश में संशोधन की मांग कर रहे हैं, जिसमें उन्हें हिरासत में रहते हुए संसद में उपस्थित होने के लिए जेल अधिकारियों के पास लगभग 4 लाख जमा करने को कहा गया।

    इससे पहले हरिहरन ने तर्क दिया कि संसद सत्र में उपस्थित होने के लिए दैनिक खर्च का भुगतान करने की शर्त के कारण राशिद अपने निर्वाचन क्षेत्र (बारामूला) का प्रतिनिधित्व करने में असमर्थ हैं।

    राशिद 2024 के लोकसभा चुनावों में बारामूला निर्वाचन क्षेत्र से चुने गए थे और 2017 के आतंकवाद-वित्तपोषण मामले में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत NIA द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद से 2019 से तिहाड़ जेल में बंद हैं।

    राशिद कथित आतंकवाद-वित्तपोषण मामले में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत NIA द्वारा आरोपित किए जाने के बाद से 2019 से जेल में हैं।

    केस टाइटल: अब्दुल राशिद शेख बनाम NIA

    Next Story