Delhi Coaching Centre Deaths: हाईकोर्ट ने सरकार की मुफ्तखोरी संस्कृति की निंदा की; कहा- नगर निकायों के पास बुनियादी ढांचे को सुधारने के लिए पैसे नहीं
Amir Ahmad
31 July 2024 2:59 PM IST
दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार की मुफ्तखोरी नीतियों की आलोचना की शहर के राजेंद्र नगर इलाके में हाल ही में बेसमेंट में बाढ़ आने के बाद, जिसमें तीन सिविल सेवा उम्मीदवारों की जान चली गई।
एक्टिंग चीफ जस्टिस मनमोहन और जस्टिस तुषार राव गेडेला की खंडपीठ ने कहा कि मुफ्तखोरी संस्कृति के कारण सरकार के पास शहर की बढ़ती आबादी के मद्देनजर बुनियादी ढांचे, विशेष रूप से शहर की जल निकासी प्रणाली को उन्नत करने के लिए पैसे नहीं हैं।
एसीजे ने मौखिक रूप से टिप्पणी की,
"आप बहुमंजिला इमारतों को अनुमति दे रहे हैं लेकिन कोई उचित नाली नहीं है। आपके नागरिक अधिकारी दिवालिया हो चुके हैं। यदि आपके पास वेतन देने के लिए पैसे नहीं हैं तो आप बुनियादी ढांचे को कैसे उन्नत करेंगे? आप मुफ्तखोरी की संस्कृति चाहते हैं। आप कोई पैसा इकट्ठा नहीं कर रहे हैं। इसलिए आप कोई पैसा खर्च नहीं कर रहे हैं।
उन्होंने आगे कहा,
"हम एमसीडी से परियोजनाओं को पूरा करने के लिए कहते हैं। वे कहते हैं कि 5 करोड़ रुपये से अधिक की कोई भी परियोजना स्थायी समिति द्वारा अनुमोदित की जाएगी। लेकिन कोई समिति नहीं है। उन्होंने कहा कि योजना को कैबिनेट में जाना है। कैनिनेट मीटिंग की अगली तारीख क्या है, कोई नहीं जानता! आपको इस मुफ्तखोरी की संस्कृति पर फैसला करना होगा। इस शहर में 3.3 करोड़ लोगों की आबादी है, जबकि इसकी योजना 6-7 लाख लोगों के लिए बनाई गई। आप बुनियादी ढांचे को उन्नत किए बिना इतने लोगों को कैसे समायोजित करने की योजना बना रहे हैं?"
पीठ जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें जांच के लिए उच्च स्तरीय समिति के गठन की मांग की गई। दिल्ली के पुराने राजेंद्र नगर में राऊ के आईएएस कोचिंग सेंटर में बाढ़ के पानी से भरे बेसमेंट में तीन उम्मीदवारों की मौत हो गई।
जनहित याचिका में राष्ट्रीय राजधानी के प्रत्येक जिले में जिला स्तरीय समिति गठित करने की मांग की गई, जिससे संबंधित जिलों में अवैध वाणिज्यिक निर्माण की जांच की जा सके और उसका पता लगाया जा सके।
इसमें मुखर्जी नगर में कोचिंग सेंटर में आग लगने की घटना के संबंध में समन्वय पीठ द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए अधिकारियों को निर्देश देने की भी मांग की गई।
याचिका में अवैध तरीके से चल रहे और मानक मानदंडों का पालन नहीं करने वाले कोचिंग संस्थानों की जांच करने और रिपोर्ट संकलित करने के लिए समिति गठित करने की भी मांग की गई।
कथित तौर पर दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने तीन मृतक सिविल सेवा उम्मीदवारों के परिजनों के लिए 10 लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा की है।
एलजी ने दिल्ली अग्निशमन सेवा दिल्ली पुलिस और दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के दोषी अधिकारियों के खिलाफ 24 घंटे के भीतर कार्रवाई का आश्वासन दिया।
केस टाइटल- कुटुंब बनाम राज्य और अन्य।