दिल्ली हाईकोर्ट ने डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण अधिनियम के कार्यान्वयन पर केंद्र से सवाल किए
Amir Ahmad
30 Sept 2025 12:19 PM IST

दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण अधिनियम 2023 (DPDP Act) के प्रवर्तन के बारे में पूछा।
यह कानून डिजिटल व्यक्तिगत डेटा को इस तरह से संसाधित करने का मार्ग प्रशस्त करता है, जो व्यक्तियों के निजता के अधिकार और वैध उद्देश्यों के लिए उनके व्यक्तिगत डेटा को संसाधित करने की आवश्यकता, दोनों की रक्षा करता है।
हालांकि 11 अगस्त, 2023 को राष्ट्रपति की स्वीकृति मिलने के बावजूद अधिनियम को अभी तक अधिसूचित नहीं किया गया।
याचिकाकर्ता कार्यरत पेशेवर हैं। उन्होंने हाईकोर्ट के रिट क्षेत्राधिकार का हवाला देते हुए केंद्र को अधिनियम को अधिसूचित करने का निर्देश देने का आदेश मांगा।
याचिका में दावा किया गया कि DPDP Act के कार्यान्वयन के बिना व्यवसाय अनैतिक प्रथाओं में लिप्त होते हैं और उचित सहमति के बिना व्यक्तियों के व्यक्तिगत डेटा से समझौता करते हैं।
DPDP Act के अनुसार व्यक्तिगत डेटा को केवल सहमति लेने के बाद और कुछ वैध उपयोगों के लिए ही संसाधित किया जा सकता है। विधेयक के अंतर्गत व्यक्तिगत डेटा को किसी व्यक्ति के बारे में ऐसा कोई भी डेटा जो ऐसे डेटा द्वारा या उसके संबंध में पहचाना जा सके, उसके रूप में परिभाषित किया गया।
उल्लेखनीय है कि अधिनियम की धारा 1(2) के अनुसार यह केंद्र सरकार द्वारा अधिसूचित तिथि से लागू होगा। इसमें आगे यह भी प्रावधान है कि इस अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों के लागू होने के लिए अलग-अलग तिथियाँ निर्धारित की जा सकती हैं।
यायालय को सूचित किया गया कि अभी तक ऐसी कोई अधिसूचना जारी नहीं की गई।
इस पर चीफ जस्टिस डी.के. उपाध्याय और जस्टिस तुषार राव गेडेला की खंडपीठ ने निर्देश दिया,
"उक्त तथ्य की पुष्टि भारत संघ का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील द्वारा की जाए जो न केवल इस तथ्य के संबंध में निर्देश मांगेंगे कि क्या उक्त अधिनियम की धारा 1 की उपधारा (2) के अंतर्गत कोई अधिसूचना जारी की गई बल्कि इस संबंध में भी कि क्या ऐसी कोई अधिसूचना विचाराधीन है।"
यह मामला अब 12 नवंबर को सूचीबद्ध है।
बता दें, DPDP Act अधिसूचित होने पर भारत के क्षेत्र में डिजिटल व्यक्तिगत डेटा के प्रसंस्करण पर लागू होगा, जहां व्यक्तिगत डेटा डिजिटल रूप में या गैर-डिजिटल रूप में एकत्र किया जाता है और बाद में डिजिटल किया जाता है।
यह भारत के क्षेत्र के बाहर डिजिटल व्यक्तिगत डेटा के प्रसंस्करण पर भी लागू होगा यदि ऐसा प्रसंस्करण भारत के क्षेत्र के भीतर डेटा प्रिंसिपलों को वस्तुओं या सेवाओं की पेशकश से संबंधित किसी भी गतिविधि से संबंधित है।
इस कानून के तहत केंद्र सरकार द्वारा भारतीय डेटा संरक्षण बोर्ड की स्थापना की आवश्यकता है। यह अनुपालन की निगरानी करेगा और दंड लगाएगा, डेटा उल्लंघन की स्थिति में आवश्यक उपाय करने के लिए डेटा न्यासियों को निर्देश देगा और प्रभावित व्यक्तियों द्वारा की गई शिकायतों की सुनवाई करेगा।

