डिज़ाइन एक्ट के तहत रजिस्टर्ड उत्पाद पर भी पासिंग ऑफ का दावा बनता है: दिल्ली हाईकोर्ट ने क्रॉक्स की बाटा, लिबर्टी, रिलैक्सो पर दायर याचिकाएं बहाल की
Amir Ahmad
2 July 2025 12:43 PM IST

दिल्ली हाईकोर्ट ने क्रॉक्स USA द्वारा भारतीय फुटवियर कंपनियों लिबर्टी, बाटा, रिलैक्सो, एक्वालाइट और अन्य के खिलाफ उनके विशेष क्लॉग डिज़ाइन की नकल करने पर दायर मुकदमों को बहाल कर दिया।
पहले सिंगल जज ने यह कहते हुए मुकदमे खारिज कर दिए थे कि पासिंग ऑफ का दावा उस ट्रेड ड्रेस पर नहीं किया जा सकता, जो डिज़ाइन एक्ट के तहत रजिस्टर्ड हो।
लेकिन डिवीजन बेंच ने (जस्टिस सी. हरि शंकर और जस्टिस अजय दीगपाल) कहा कि केवल यह आधार कि पासिंग ऑफ की कार्रवाई का विषयवस्तु रजिस्टर्ड डिज़ाइन है, मुकदमे को खारिज करने का पर्याप्त कारण नहीं हो सकता।
कोर्ट ने कहा कि अगर कोई प्रतिवादी वादी की रजिस्टर्ड डिज़ाइन या उससे मिलती-जुलती डिज़ाइन का उपयोग कर अपने उत्पादों को वादी के उत्पादों के रूप में प्रस्तुत करता है तो पासिंग ऑफ का दावा पूरी तरह से न्यायसंगत होगा।
कोर्ट ने स्पष्ट किया कि पासिंग ऑफ एक स्वतंत्र कॉमन लॉ अधिकार है। इसे डिज़ाइन एक्ट या ट्रेडमार्क एक्ट की सीमाओं में नहीं बांधा जा सकता।
कोर्ट ने आदेश दिया कि सिंगल जज अब क्रॉक्स की याचिकाओं पर सुनवाई आगे बढ़ाएं।

