दिल्ली हाईकोर्ट ने विमान में सामान में गोला-बारूद मिलने पर अग्निवीर के खिलाफ दर्ज FIR रद्द की
Amir Ahmad
10 Sept 2025 12:10 PM IST

दिल्ली हाईकोर्ट ने भारतीय सेना की एक यूनिट में तैनात अग्निवीर के खिलाफ दिल्ली से कोलकाता जाते समय उसके सामान से गोला-बारूद मिलने पर दर्ज FIR रद्द की।
जस्टिस अमित महाजन ने कहा कि यह मामला अग्निवीर की लापरवाही का प्रतीत होता है और गोला-बारूद की मात्र हिरासत बिना इस तरह के कब्जे की जानकारी के शस्त्र अधिनियम के तहत अपराध नहीं है।
याचिकाकर्ता पर इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा पुलिस स्टेशन ने 5.56 मिमी एनएसएएस राइफल की एक जीवित गोली बरामद होने पर शस्त्र अधिनियम 1959 की धारा 25 के तहत मामला दर्ज किया था।
याचिकाकर्ता ने प्रस्तुत किया कि वह जम्मू में एक यूनिट में तैनात है, जो आतंकवाद विरोधी क्षेत्र में स्थित है। उसे गार्ड और ऑपरेशनल ड्यूटी के लिए हथियारों के साथ-साथ मैगज़ीन सहित गोला-बारूद जारी किया गया।
पुलिस ने कमांडिंग ऑफिसर के मेजर क्वार्टरमास्टर से इसकी पुष्टि की।
याचिकाकर्ता ने दावा किया कि गोला-बारूद अनजाने में उसके बैग में छूट गया था। इस प्रकार सचेतन कब्जे के अभाव में आरोपित अपराध नहीं बनता।
इसके बाद हाईकोर्ट ने धारा 25 का अवलोकन किया और कहा कि कब्ज़ा शब्द का तात्पर्य अपेक्षित मानसिक तत्व द्वारा समर्थित कब्जे से है।
उन्होंने कहा,
“यह ध्यान में रखा जाना चाहिए कि याचिकाकर्ता द्वारा कथित तौर पर रखे गए हथियार कोई बंदूक नहीं बल्कि एक राइफल की गोली है। याचिकाकर्ता का कथन विश्वसनीय है। राज्य ने यह आरोप नहीं लगाया कि कारतूस को सचेतन रूप से रखा गया था या कारतूस ले जाने के पीछे कोई मनःस्थिति थी।”
न्यायालय ने कहा कि यह भी ध्यान देने योग्य है कि शस्त्र अधिनियम की धारा 45(डी) हथियार या गोला-बारूद के छोटे-छोटे हिस्सों (जिनका उपयोग पूरक हिस्सों के साथ नहीं किया जाना है) का अधिग्रहण/कब्ज़ा या ले जाना शस्त्र अधिनियम के तहत अपराध नहीं बनाती है।
न्यायालय ने FIR रद्द की और जांच अधिकारी को जब्त गोला-बारूद याचिकाकर्ता को सौंपने का निर्देश दिया।
केस टाइटल: रितेश बनाम राज्य

