दिल्ली हाईकोर्ट ने CLAT 2025 के परिणामों को चुनौती देने वाली याचिकाओं को 07 अप्रैल के लिए सूचीबद्ध किया
Amir Ahmad
3 March 2025 10:19 AM

दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को विभिन्न नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी में ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट लॉ कोर्ट में एडमिशन के लिए पिछले साल दिसंबर में आयोजित कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट-2025 (CLAT-2025) परीक्षा के परिणामों को चुनौती देने वाली याचिकाओं के समूह को 07 अप्रैल के लिए सूचीबद्ध किया।
ये याचिकाएं देश भर के विभिन्न हाईकोर्ट में दायर की गईं और सुप्रीम कोर्ट ने इन्हें दिल्ली हाईकोर्ट में ट्रांसफर कर दिया। ट्रांसफर याचिका नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के संघ द्वारा दायर की गई।
चीफ जस्टिस देवेंद्र कुमार उपाध्याय और जस्टिस तुषार राव गेडेला की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई 07 अप्रैल के लिए तय की और टिप्पणी की कि मामले का शीघ्रता से निर्णय लिया जाएगा।
सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने टिप्पणी की,
“स्टूडेंट में बहुत चिंता है। उनकी बोर्ड परीक्षाएं चल रही हैं। वे बहुत छोटे हैं। इस अनिश्चितता के कारण स्टूडेंट में बहुत तनाव पैदा हो रहा है। हम आदेश पारित करना चाहते हैं, जिससे हम आसानी से शुरुआत कर सकें।”
कोर्ट ने पक्षकारों के वकील से अनुरोध किया कि वे CLAT PG कोर्स और CLAT UG कोर्स से संबंधित रिट याचिकाओं की समान सूची दें।
उन्होंने रजिस्ट्री को सभी हाईकोर्ट से प्राप्त सभी मामलों को एक साथ लाने का निर्देश दिया और आगे NLUs के संघ का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील को दो सप्ताह के भीतर जवाबी हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया।
इसने आगे सभी पक्षों के वकील से अनुरोध किया कि वे अपने द्वारा भरोसा किए गए दस्तावेजों और निर्णयों को शामिल करते हुए सुविधा संकलन के दो अलग-अलग सेट तैयार करें।
न्यायालय ने कहा,
“हम रजिस्ट्री को NLUs के संघ का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील को रिट याचिकाओं की प्रति देने का भी निर्देश देते हैं। रजिस्ट्री को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया जाता है कि रिट याचिकाओं की कॉपी तीन दिनों के भीतर CLAT संघ को दी जाए। हम यह भी निर्देश देते हैं कि यदि कोई अन्य रिट याचिका प्राप्त होती है तो रजिस्ट्री द्वारा कॉपी भी क्लैट कंसोर्टियम के वकील को प्राप्त होने की तिथि से दो दिनों के भीतर दी जाएगी। 07 अप्रैल को सूचीबद्ध करें।”
दिसंबर 2024 में आयोजित CLAT-2025 परीक्षा के परिणामों के खिलाफ दिल्ली, कर्नाटक, झारखंड, राजस्थान, बॉम्बे, मध्य प्रदेश और पंजाब एंड हरियाणा के हाईकोर्ट में याचिकाएं लंबित थीं।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने मामलों को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में ट्रांसफर करने की इच्छा व्यक्त की थी, क्योंकि पहली याचिका वहां दायर की गईं।
दिसंबर, 2024 में दिल्ली हाईकोर्ट के एकल जज ने पाया कि CLAT-UG 2025 परीक्षा के दो उत्तर गलत थे। कंसोर्टियम को याचिकाकर्ताओं के परिणामों को संशोधित करने के लिए कहा। जब कंसोर्टियम ने एकल पीठ के फैसले के खिलाफ अपील की तो खंडपीठ ने टिप्पणी की कि उन्हें प्रथम दृष्टया एकल पीठ के फैसले में कोई त्रुटि नहीं मिली।
केस टाइटल: कंसोर्टियम ऑफ नेशनल लॉ यूनिवर्सिटीज बनाम मास्टर आदित्य सिंह, नाबालिग और अन्य संबंधित मामले