दिल्ली हाईकोर्ट ने अजमेर शरीफ दरगाह के खातों की CAG ऑडिट पर लगाई रोक
Amir Ahmad
22 May 2025 12:03 PM IST

दिल्ली हाईकोर्ट ने अजमेर शरीफ दरगाह के खातों की नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) द्वारा की जा रही ऑडिट प्रक्रिया पर अंतरिम रोक लगाई।जस्टिस सचिन दत्ता ने दरगाह की ओर से दी गई इस दलील को प्रथम दृष्टया सही माना कि CAG अधिनियम की धारा 20 के तहत आवश्यक शर्तें पूरी नहीं की गई थीं।
यह मामला अंजुमन मोइनिया फखरिया चिश्तिया खुद्दाम ख्वाजा साहिब सैयदज़ादगान (रजि.) दरगाह शरीफ अजमेर द्वारा दायर दो याचिकाओं से संबंधित था।
पहली याचिका में अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय द्वारा मार्च, 2024 में जारी एक पत्र को चुनौती दी गई, जिसमें दोनों अंजुमनों सैयदज़ादगान और शेखज़ादगान की आय और व्यय की ऑडिट कराने का प्रस्ताव CAG को भेजा गया था।
दूसरी याचिका में CAG द्वारा याचिकाकर्ता संस्था के खातों की ऑडिट प्रक्रिया को चुनौती दी गई, यह कहते हुए कि CAG अधिनियम की धारा 20(1) के अनुसार आवश्यक राष्ट्रपति की सहमति नहीं ली गई।
याचिकाकर्ता संस्था ने कहा कि जब अल्पसंख्यक मंत्रालय ने उक्त पत्र जारी किया, तब तक CAG ने ऑडिट के लिए सहमति ही नहीं दी थी। इसलिए यह प्रक्रिया कानूनी प्रावधानों का उल्लंघन है।
कोर्ट ने CAG के वकील से दो सवाल पूछे:
1. क्या मार्च 2024 में पत्र जारी होने के समय CAG ने याचिकाकर्ता संस्था की ऑडिट के लिए सहमति दी थी?
2. क्या वित्त मंत्रालय द्वारा 13 जनवरी को CAG को भेजे गए पत्र में ऑडिट से संबंधित शर्तों पर सहमति बनी थी?
3. दोनों सवालों का उत्तर नहीं था। CAG के वकील ने यह भी बताया कि अब तक ऑडिट प्रक्रिया शुरू नहीं की गई।
कोर्ट ने कहा,
“ऐसी स्थिति में अंतरिम व्यवस्था के रूप में निर्देश दिया जाता है कि अगली सुनवाई तक CAG द्वारा 30.01.2025 की संचार के आधार पर कोई और कार्रवाई नहीं की जाएगी।”
अब यह मामला 28 जुलाई 2025 को अगली सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया।
केस टाइटल: अंजुमन मोइनिया फखरिया चिश्तिया खुद्दाम ख्वाजा साहिब सैयदज़ादगान (पंजी.) दरगाह शरीफ, अजमेर बनाम भारत सरकार व अन्य एवं अन्य सम्बद्ध याचिकाएं

