अलग रह रहे माता-पिता के बच्चों में भाई-बहन का रिश्ता मजबूत करने के लिए लगातार संपर्क ज़रूरी: दिल्ली हाईकोर्ट

Amir Ahmad

22 Aug 2025 2:03 PM IST

  • अलग रह रहे माता-पिता के बच्चों में भाई-बहन का रिश्ता मजबूत करने के लिए लगातार संपर्क ज़रूरी: दिल्ली हाईकोर्ट

    दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि जब माता-पिता वैवाहिक विवाद के कारण अलग रह रहे हों तो भाई-बहन के बीच संबंधों को मजबूत करने के लिए उनके बीच लगातार संपर्क बनाए रखना बेहद आवश्यक है।

    जस्टिस अनिल क्षेत्रपाल और जस्टिस हरीश वैद्यनाथन शंकर की खंडपीठ ने कहा,

    “जब माता-पिता वैवाहिक कलह के कारण अलग रह रहे हों तो भाई-बहन के रिश्ते को लगातार संपर्क के माध्यम से और अधिक मजबूत करने की आवश्यकता है।”

    अदालत याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसे एक पति ने दायर किया था। पति ने फैमिली कोर्ट द्वारा तय किए गए मुलाक़ात (विज़िटेशन) के आदेश को निलंबित करने की मांग की थी। फैमिली कोर्ट ने बच्चों की अंतरिम अभिरक्षा मां को दी थी और पिता को उनसे मिलने का अधिकार दिया था।

    मामले में बड़ी बेटी ने स्वेच्छा से अपनी मां के साथ वैवाहिक घर में रहना शुरू कर दिया, जबकि छोटा बेटा पिता के साथ रह रहा है। अदालत में सुनवाई के दौरान बेटी ने कहा कि वह अपनी मां के साथ रहना चाहती है। वहीं बेटे ने अपनी बड़ी बहन और मां से मिलने से अनिच्छा जताई।

    पति की याचिका खारिज करते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि बेटे का अपनी मां और बहन से संपर्क बनाए रखना उनके रिश्ते को मजबूत करने के लिए ज़रूरी है। अदालत ने कहा कि मौजूदा अंतरिम व्यवस्था को बदलना बच्चों के हित में नहीं होगा।

    खंडपीठ ने कहा,

    “करीब एक साल से चल रही अंतरिम व्यवस्था अगले आदेश तक जारी रहेगी। मुख्य अपील पर सुनवाई 28 अक्टूबर को होगी।”

    अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि फैमिली कोर्ट पहले ही यह मान चुकी है कि मां दोनों बच्चों की अभिरक्षा पाने की हकदार है और केवल अंतरिम आदेश के कारण ही बेटा अभी तक पिता के पास है।

    केस टाइटल: एक्स बनाम वाई

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