ITC Claimed On Alleged Fake Supplies; दिल्ली हाईकोर्ट ने बैंक अकाउंट अस्थायी रूप से कुर्क करने की विभाग की कार्रवाई बरकरार रखी

Amir Ahmad

30 July 2024 8:59 AM GMT

  • ITC Claimed On Alleged Fake Supplies; दिल्ली हाईकोर्ट ने बैंक अकाउंट अस्थायी रूप से कुर्क करने की विभाग की कार्रवाई बरकरार रखी

    दिल्ली हाईकोर्ट ने कथित फर्जी आपूर्ति के संबंध में दावा किए गए इनपुट टैक्स (ITC) की राशि 26.91 लाख रुपये तक याचिकाकर्ता के बैंक अकाउंट को अस्थायी रूप से कुर्क करने की आयुक्त की कार्रवाई बरकरार रखी।

    जस्टिस विभु बाखरू और जस्टिस सचिन दत्ता की खंडपीठ ने कहा कि आयुक्त द्वारा शक्ति का प्रयोग अनुचित नहीं था। आयुक्त ने विभाग के हितों की रक्षा के लिए याचिकाकर्ता के बैंक अकाउंट को अस्थायी रूप से कुर्क करना आवश्यक पाया था।

    याचिकाकर्ता जीएसटी खुफिया महानिदेशालय, गुरुग्राम क्षेत्रीय इकाई के प्रधान अतिरिक्त महानिदेशक द्वारा पारित आदेश को चुनौती दी, जिसके द्वारा केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर अधिनियम, 2017 की धारा 83 के तहत बैंक अकाउंट को अनंतिम रूप से कुर्क करने के आदेश पर याचिकाकर्ता द्वारा दर्ज की गई आपत्तियों को खारिज कर दिया गया।

    याचिकाकर्ता/करदाता ने अपने बैंक खाते को कुर्क करने का आदेश पेश नहीं किया। इसकी प्रति याचिकाकर्ता को उपलब्ध नहीं कराई गई है रिकॉर्ड में ऐसा कोई संचार नहीं है जो इंगित करता हो कि याचिकाकर्ता ने संबंधित अधिकारी से इसकी प्रति मांगी थी।

    याचिकाकर्ता ने प्रस्तुत किया कि उन्हें उनके बैंकर (आईसीआईसीआई बैंक, द्वारका, नई दिल्ली) द्वारा सूचित किया गया कि उनके बैंक अकाउंट नंबर 046105000960 को आयुक्त द्वारा अनंतिम रूप से कुर्क कर लिया गया। आदेश ने संकेत दिया कि आयुक्त ने जांच के अनुसरण में कार्रवाई की, जिसमें पता चला कि याचिकाकर्ता ने रुपये की राशि का इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) दाखिल किया। दो आपूर्तिकर्ताओं- मेसर्स गुप्ता एंटरप्राइजेज और मेसर्स सनराइज वेंचर्स- से 26,91,938 रुपये की धोखाधड़ी की गई, जो फर्जी पाई गई।

    यह आरोप लगाया गया कि मेसर्स गुप्ता एंटरप्राइजेज विक्रम नामक व्यक्ति की एकमात्र स्वामित्व वाली कंपनी है। कहा गया कि वह अपने मुख्य व्यवसाय स्थल पर अपना व्यवसाय चला रहा है। हालांकि, भौतिक सत्यापन के दौरान यह पाया गया कि यह व्यवसाय अस्तित्व में नहीं है। आगे की पूछताछ में पता चला कि श्री विक्रम पेशे से टैक्सी चालक थे।

    यह आरोप लगाया गया कि उक्त विक्रम ने बयान दिया कि वह गुप्ता एंटरप्राइजेज के नाम से कोई व्यवसाय नहीं करता। इसे श्याम देव गुप्ता ने बनाया। श्याम देव गुप्ता ने कर इकाई बनाई थी और माल कम चालान जारी किए।

    इसी तरह यह पाया गया कि मेसर्स सनराइज वेंचर्स शेष नाथ प्रसाद नामक व्यक्ति की स्वामित्व वाली कंपनी है, जो ताइक्वांडो का राष्ट्रीय स्तर का खिलाड़ी है और फिटनेस कोच के रूप में काम करता है। यह आरोप लगाया गया है कि श्याम देव गुप्ता ने फर्जी कर इकाई स्थापित करने के लिए उसकी पहचान का भी इस्तेमाल किया।

    आयुक्त ने याचिकाकर्ता के बैंक अकाउंट को अस्थायी रूप से कुर्क करना उचित समझा, जो कथित रूप से नकली आपूर्ति के संबंध में दावा की गई ITC की राशि 26.91 लाख रुपये है।

    अदालत ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि आयुक्त के पास उपलब्ध सामग्री का उनकी राय से सीधा संबंध है; इसलिए आदेश में कोई गलती नहीं की जा सकती।

    केस टाइटल- जेवी क्रिएटिव्स प्राइवेट लिमिटेड बनाम प्रिंसिपल एडिशनल डायरेक्टर जनरल, डीजीजीआई, गुरुग्राम जोनल यूनिट, गुरुग्राम और अन्य

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