दिल्ली हाईकोर्ट ने FIR के दायरे से बाहर जब्त किए गए डिवाइस को वापस करने की मांग वाली मोहम्मद ज़ुबैर की याचिका बंद की

Amir Ahmad

13 Jan 2025 11:52 AM

  • दिल्ली हाईकोर्ट ने FIR के दायरे से बाहर जब्त किए गए डिवाइस को वापस करने की मांग वाली मोहम्मद ज़ुबैर की याचिका बंद की

    दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को 2018 ट्वीट मामले के संबंध में ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर द्वारा दायर याचिका का निपटारा किया, जिसमें मांग की गई थी कि दिल्ली पुलिस द्वारा जब्त किए गए किसी भी डिवाइस या दस्तावेज़ को, जो FIR में आरोप से परे है, उन्हें वापस कर दिया जाए।

    जस्टिस स्वर्ण कांता शर्मा ने याचिका को बंद किया और जुबैर को राहत पाने के लिए संबंधित मजिस्ट्रेट के समक्ष उचित आवेदन पेश करने को कहा।

    जुबैर की ओर से पेश हुए वकील सौतिक बनर्जी ने स्थगन का अनुरोध किया, जबकि दिल्ली पुलिस के वकील ने कहा कि मामले में कुछ भी नहीं बचा है। यह याचिका 2022 में दायर की गई थी।

    अदालत को बताया गया कि जुबैर की चार दिन की पुलिस हिरासत को चुनौती देने वाली याचिका में से एक प्रार्थना पहले ही निष्फल हो चुकी है।

    जस्टिस शर्मा ने कहा कि यह निर्दिष्ट नहीं किया गया कि दिल्ली पुलिस द्वारा कथित रूप से जब्त किए गए किस डिवाइस या दस्तावेज का उल्लेख किया गया, जो FIR में लगाए गए आरोपों से परे है।

    इसके बाद बनर्जी ने जवाब दिया कि वह जुबैर के मोबाइल फोन की जब्ती का जिक्र कर रहे थे।

    इस पर अदालत ने आदेश दिया,

    “वह संबंधित क्षेत्र के मजिस्ट्रेट के समक्ष उचित आवेदन पेश कर सकते हैं। निपटारा किया जाता है।”

    जुबैर को जून 2022 में दिल्ली पुलिस ने कथित तौर पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने और 2018 में किए गए एक ट्वीट पर दुश्मनी को बढ़ावा देने के आरोप में गिरफ़्तार किया था। बाद में उन्हें 15 जुलाई, 2022 को सेशन कोर्ट द्वारा ज़मानत दी गई।

    जुबैर को भारतीय दंड संहिता की धारा 153A और धारा 295 के तहत गिरफ़्तार किया गया था।

    बाद में जुबैर के खिलाफ़ भारतीय दंड संहिता की धारा 295A के साथ-साथ धारा 201 और 120B और विदेशी योगदान (विनियमन) अधिनियम, 2010 की धारा 35 लगाई गई।

    दिल्ली पुलिस के अनुसार ट्विटर हैंडल से शिकायत मिलने के बाद मामला दर्ज किया गया, जिसमें आरोप लगाया गया कि जुबैर ने जानबूझकर एक खास धर्म के देवता का अपमान करने के उद्देश्य से एक संदिग्ध फोटो ट्वीट की थी।

    FIR के अनुसार, हिंदू देवता हनुमान के नाम पर हनीमून होटल का नाम बदलने पर जुबैर का 2018 का ट्वीट उनके धर्म का अपमान था।

    FIR में आरोप लगाया गया कि जुबैर द्वारा एक खास धार्मिक समुदाय के खिलाफ इस्तेमाल किए गए शब्द और तस्वीर बेहद भड़काऊ थे और लोगों के बीच नफरत की भावना को भड़काने के लिए पर्याप्त से अधिक थे, जो समाज में सार्वजनिक शांति बनाए रखने के लिए हानिकारक हो सकते हैं।

    टाइटल: मोहम्मद जुबैर बनाम दिल्ली एनसीटी राज्य

    Next Story