जिला आयोग विशाखापत्तनम ने पैनासोनिक इंडिया और उसके रिटेलर को खरीदी गई नई टीवी के साथ होने वाली समस्याओं का हल न करने के लिए जिम्मेदार ठहराया

Praveen Mishra

21 Dec 2023 11:21 AM GMT

  • जिला आयोग विशाखापत्तनम ने पैनासोनिक इंडिया और उसके रिटेलर को खरीदी गई नई टीवी के साथ होने वाली समस्याओं का हल न करने के लिए जिम्मेदार ठहराया

    जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग-1, विशाखापत्तनम (आंध्र प्रदेश) की अध्यक्ष श्रीमती डॉ. गुडला तनुजा, श्री वर्री कृष्ण मूर्ति (सदस्य) और सुश्री रहीमुन्निसा बेगम (सदस्य) की खंडपीठ ने पैनासोनिक इंडिया और उसके रिटेलर, श्री साईं गणेश एंटरप्राइजेज को खरीदी गई नई पैनासोनिक स्मार्ट एलईडी टीवी में समस्याओं का समाधान करने में उनकी सामूहिक विफलता के लिए सेवा में कमी के लिए जिम्मेदार ठहराया। दोनों को खरीद राशि वापस करने और शिकायतकर्ता को 20,000 रुपये मुआवजा और 5,000 रुपये मुकदमेबाजी में खर्च का भुगतान करने का निर्देश दिया।

    पूरा मामला:

    शिकायतकर्ता दल्ली अर्चना ने तिरुमाला म्यूजिक प्राइवेट लिमिटेड से एक साल की वारंटी के साथ 20,501 रुपये में पैनासोनिक स्मार्ट एलईडी टीएच 32 एफएसगुड टीवी खरीदा। दो महीने के भीतर, शिकायतकर्ता ने देखा कि टीवी के स्पीकर के साथ एक समस्या थी। टीवी की आवाज अपने आप कम ज्यादा होने लगती थी। कोविड -19 लॉकडाउन के कारण, वह तुरंत रिटेलर या पैनासोनिक से शिकायत दर्ज नहीं कर सकी।

    इसके बाद, शिकायतकर्ता ने रिटेलर के पास शिकायत दर्ज की, और बाद में, पैनासोनिक के मैकेनिकों और रिटेलर ने टीवी का निरीक्षण किया और शिकायतकर्ता को सुझाव दिया कि यदि समस्या बनी रहती है तो मदरबोर्ड को बदलने की आवश्यकता होगी। दो दिन बाद टीवी काम करना बंद कर दी। पैनासोनिक और रिटेलर से संपर्क करने के तमाम प्रयासों के बावजूद, शिकायतकर्ता को कोई संतोषजनक प्रतिक्रिया या जवाब नहीं मिला। फिर, शिकायतकर्ता ने पैनासोनिक और रिटेलर को लीगल नोटिस भेजकर टीवी को बदलने की मांग की। एक इंजीनियर ने टीवी का निरीक्षण करने के लिए दौरा किया और टीवी को बदलने का सुझाव दिया। लेकिन, शिकायतकर्ता को किसी भी पक्ष से कोई जवाब नहीं मिला। परेशान होकर, शिकायतकर्ता ने जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग-1, विशाखापत्तनम, आंध्र प्रदेश में उपभोक्ता शिकायत दर्ज कराई।

    जवाब में, पैनासोनिक ने शिकायतकर्ता द्वारा किए गए सभी दावों का खंडन किया और केवल टीवी की खरीद को स्वीकार किया। उनके अनुसार, एक इंजीनियर ने प्रारंभिक शिकायत को संबोधित किया और सॉफ्टवेयर मुद्दे और ध्वनि समस्या को हल किया, शिकायतकर्ता ने टीवी की संतोषजनक स्थिति को स्वीकार किया। बाद में, पांच महीने बाद एक शिकायत की गई, लेकिन पैनासोनिक के अनुसार, शिकायतकर्ता ने इंजीनियर को समस्या का समाधान करने से रोक दिया। रिटेलर के पक्ष से कोई पेश नहीं हुआ और उसके खिलाफ एकतरफा कार्रवाई की गई।

    आयोग की टिप्पणियां:

    जिला आयोग ने कहा कि शिकायतकर्ता ने इंजीनियर के द्वारा की गई पहली सर्विस को स्वीकार किया, लेकिन टीवी के साथ विभिन्न प्रकार की खराबी सामने आई, जिसके लिए फिर से सर्विस की जरूरत थी। जिला आयोग ने कहा कि पहली यात्रा के दौरान इंजीनियर द्वारा पाई गई खराबी को "मेन एसीबी प्रॉबलम" के रूप में बताया गया, जबकि दूसरी बार में, आवाज संबन्धित और ब्लूटूथ समस्या" के रूप में बताया गया था। इसलिए, जिला आयोग ने माना कि हालांकि शिकायतकर्ता ने पहली सर्विस को स्वीकार किया, लेकिन टीवी कुछ दिनों के भीतर पूरी तरह से काम करना बंद कर दिया।

    नतीजतन, जिला आयोग ने पैनासोनिक इंडिया और रिटेलर को सेवा में कमी के लिए जिम्मेदार ठहराया। आयोग ने पैनासोनिक और रिटेलर को निर्देश दिया कि वे शिकायतकर्ता को टीवी की लागत 20,501 रुपये का भुगतान 6 प्रतिशत के ब्याज के साथ करें। अदालत ने उन्हें शिकायतकर्ता को 20,000 रुपये और मुकदमे की लागत के लिए 5,000 रुपये का मुआवजा देने का भी निर्देश दिया।

    केस टाइटल: दल्ली अर्चना बनाम पैनासोनिक इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और अन्य।

    केस नंबर: सीसी/67/2021

    शिकायतकर्ता के वकील: एसएम काक्षायनी

    प्रतिवादी के वकील: गन्नई विवेक कर्रा और लतिका देव

    आदेश पढ़ने/डाउनलोड करने के लिए यहां क्लिक करें


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