आँखों में धूल झोंकने' वाली कार्रवाई पर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट नाराज़, मुख्य सचिव से मांगा नया हलफनामा

Amir Ahmad

31 Oct 2025 7:51 PM IST

  • आँखों में धूल झोंकने वाली कार्रवाई पर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट नाराज़, मुख्य सचिव से मांगा नया हलफनामा

    छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने सड़कों पर होने वाली गुंडागर्दी को रोकने के लिए राज्य के अधिकारियों द्वारा उठाए गए कदमों पर असंतुष्टि व्यक्त की है। यह गुंडागर्दी मुख्य रूप से लापरवाह ड्राइवरों द्वारा स्टंट करने और रिकॉर्ड करने, और सार्वजनिक सड़कों पर जन्मदिन मनाने के कारण होती है।

    चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस बिभु दत्ता गुरु की खंडपीठ ने टिप्पणी की कि राज्य द्वारा की गई कार्रवाई केवल आँखों में धूल झोंकने के समान प्रतीत होती है और अधिकारियों के प्रयास में गंभीरता की कमी है।

    कोर्ट ने 13 अक्टूबर को मुख्य सचिव को एक हिंदी दैनिक में रिपोर्ट की गई दो घटनाओं के संबंध में व्यक्तिगत हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया।

    1. बारसूर पुल पर स्टंट (2023):

    हलफनामे में कहा गया कि यह वीडियो 2023 का है, जो 2025 में फिर से सामने आया था। पुलिस ने वाहन को ट्रैक किया और दोषी वाहन पर 2,000 का जुर्माना और संबंधित व्यक्ति पर 300 का जुर्माना लगाया।

    2. स्वास्थ्य मंत्री के करीबी की पत्नी का सड़क पर जन्मदिन:

    कार के बोनट पर केक काटने और सार्वजनिक सड़क पर आतिशबाजी करने की इस घटना के संबंध में भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 285 (सार्वजनिक मार्ग में ख़तरा या बाधा), 125 (दूसरों के जीवन या व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालना), 3(5) (सामान्य इरादे से आपराधिक कृत्य) और मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 122 और 177 के तहत अपराध दर्ज किए गए। दोनों मामलों में ड्राइविंग लाइसेंस निलंबित करने की प्रक्रिया भी शुरू की गई।

    न्यायालय ने कहा कि यदि राज्य कानून के उल्लंघन के लिए ऐसी कार्रवाई को पर्याप्त मानता है तो यह अधिकारियों के लापरवाह प्रयास को दर्शाता है, जिसमें गंभीरता की कमी है। कोर्ट ने कहा कि राजमार्गों और सार्वजनिक सड़कों का उपयोग धन और शक्ति का प्रदर्शन करते हुए जन्मदिन मनाने के लिए किया जा रहा है।

    बेंच ने कहा,

    “हम आशा करते हैं और विश्वास करते हैं कि राज्य अधिक होशपूर्वक और सख्त कार्रवाई करेगा, जो ऐसे अपराध करने वालों और कानून का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ वास्तव में निवारक होगी।”

    कोर्ट ने मुख्य सचिव को एक नया हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया, जिसमें ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए राज्य द्वारा उठाए गए आगे के ठोस कदम बताए जाएं।

    मामले की अगली सुनवाई 21.11.2025 को सूचीबद्ध की गई।

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