छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने आंगनवाड़ी केंद्र में फेंके गए कचरे के कारण हुई बच्ची की मौत का स्वतः संज्ञान लिया
Amir Ahmad
25 Aug 2025 12:49 PM IST

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने मीडिया रिपोर्ट का स्वतः संज्ञान लिया, जिसमें तालापारा स्थित आंगनवाड़ी परिसर में अवैध रूप से फेंके गए लोहे के पाइप से तीन साल की बच्ची की दुखद मौत का खुलासा किया गया था। बच्ची के सिर में गंभीर चोट आई थी।
इस पृष्ठभूमि में चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस बिभु दत्ता गुरु की खंडपीठ ने कहा,
“जिला मजिस्ट्रेट, बिलासपुर को अगली सुनवाई तक इस न्यायालय के समक्ष एक व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया जाता है, जिसमें उक्त घटना के संबंध में उठाए गए कदमों संबंधित अधिकारियों की ज़िम्मेदारी और दोषी पाए गए लोगों के विरुद्ध प्रस्तावित या शुरू की गई कार्रवाई का स्पष्ट रूप से उल्लेख हो। हलफनामे में यह भी बताया जाएगा कि क्या मृतक बच्ची के परिवार को कोई मुआवज़ा दिया गया और यदि नहीं तो वर्तमान में यह किस स्तर पर है और साथ ही आंगनवाड़ी केंद्रों में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए क्या उपाय किए जा रहे हैं।”
रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि अन्य डीजे उपकरणों के साथ फेंकी गई लोहे की छड़, बच्ची पर तब गिरी जब वह डीजे बजा रही थी। उसे पहले जिला अस्पताल ले जाया गया और बाद में CIMS रेफर कर दिया गया जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
राज्य ने तर्क दिया कि उसके एक कर्मचारी के रिश्तेदार ने आंगनवाड़ी परिसर में डीजे उपकरण अनुचित तरीके से रखा था, जो दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना का तात्कालिक कारण बना और संबंधित व्यक्ति के विरुद्ध आवश्यक आपराधिक कार्यवाही शुरू कर दी गई है।
मीडिया रिपोर्ट में आगे बताया गया कि महिला एवं बाल विकास विभाग और स्थानीय पुलिस ने शुरू में मामले को दबाने की कोशिश की और सिर में चोट लगने से मौत की पुष्टि होने वाली पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिलने के बाद ही संबंधित डीजे संचालक के खिलाफ FIR दर्ज की गई।
मामले की अगली सुनवाई कल (26.08.2025) के लिए सूचीबद्ध है।
केस टाइटल: स्वतः संज्ञान से जनहित याचिका बनाम छत्तीसगढ़ राज्य

