'आप छोटे-मोटे विवाद के चलते विश्वविद्यालय को बर्बाद करना चाहते हैं': हाईकोर्ट ने केरल विश्वविद्यालय की सीनेट को फटकार लगाई
Brij Nandan
2 Nov 2022 4:44 PM IST
केरल विश्वविद्यालय की सीनेट से जुड़े एक मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने नए कुलपति की नियुक्ति के लिए गठित चयन समिति में एक प्रतिनिधि को नामित नहीं करने के लिए निकाय की कड़ी आलोचना की।
कोर्ट ने देखा कि 5 अगस्त को चांसलर द्वारा लिए गए निर्णय के कारण सीनेट अपने सदस्य को नामित करने से इनकार कर रही थी। इस पर जस्टिस देवन रामचंद्रन ने कहा,
"जैसा भी हो, इसमें कोई संदेह नहीं हो सकता है कि केरल विश्वविद्यालय को जल्द ही एक कुलपति की आवश्यकता है। हितधारकों के बीच विवाद ऐसी स्थिति में आगे नहीं बढ़ सकता है जहां कुलपति के चयन में अनिश्चित काल तक देरी हो सकती है।"
अदालत ने मंगलवार को सदस्य को नामित करने में विश्वविद्यालय की अनिच्छा पर भी सवाल उठाया था, और सीनेट को "हाइपर-टेक्निकलिटीज" के रूप में करार दिया था।
आज सुनवाई के दौरान केरल विश्वविद्यालय के सरकारी वकील थॉमस अब्राहम ने प्रस्तुत किया कि 4 नवंबर को होने वाली सीनेट की बैठक होने वाली है, लेकिन चयन समिति के सदस्य के नामांकन पर विचार करने के लिए उक्त तिथि पर कोई एजेंडा नहीं है।
हालांकि, वकील ने कहा कि वह निर्देश प्राप्त करेंगे कि क्या उक्त उद्देश्य के लिए एक नई बैठक बुलाई जा सकती है, और इसके लिए समय मांगा।
आज की दलीलों के दौरान जहां याचिकाकर्ताओं के वकीलों ने कुलाधिपति के फैसले में अवैधताओं की ओर इशारा किया, अदालत ने कहा,
"चूंकि आप कानून की इतनी जांच और उद्धरण करते हैं, क्या आपने जांच की है कि क्या सीनेट कुलाधिपति के खिलाफ प्रस्ताव पारित कर सकती है? ऐसा उपाय अनसुना है।"
घटनाओं की स्थिति पर निराशा व्यक्त करते हुए, कोर्ट ने यह भी कहा,
"आप इस छोटे से विवाद के चलते एक बढ़िया चल रहे विश्वविद्यालय को बर्बाद करना चाहते हैं।"
जस्टिस रामचंद्रन ने आगे कहा,
"मैं देखता हूं कि मैं यहां एकमात्र व्यक्ति हूं जो कुलपति चाहता है। मेरी संख्या बहुत बुरी है, मुझे यह पता है। लेकिन मेरे पास सिस्टम की ताकत है।"
अदालत ने कहा कि हालांकि उसने कल और आज मामले की सुनवाई करने का प्रयास किया था, लेकिन इसे पूरा नहीं किया जा सका क्योंकि दलीलें अधूरी हैं और अभियोग आवेदनों पर भी फैसला होना बाकी है।
मामले को 09 नवंबर तक के लिए स्थगित करते हुए अदालत ने कहा कि इस बीच अंतरिम आदेश जारी रहेंगे।
केस टाइटल: डॉ. के.एस. चंद्रशेखर बनाम कुलाधिपति एंड अन्य जुड़े मामले