अमेज़न अधिकारियों की फिजिकल उपस्थिति पर जोर नहीं देंगे: दिल्ली हाईकोर्ट में ईडी ने कहा

LiveLaw News Network

5 Jan 2022 10:22 AM GMT

  • अमेज़न अधिकारियों की फिजिकल उपस्थिति पर जोर नहीं देंगे: दिल्ली हाईकोर्ट में ईडी ने कहा

    दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को अमेज़न होलसेल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई 12 जनवरी के लिए स्थगित कर दी। लिमिटेड विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के तहत निर्धारित शक्तियों के दायरे से बाहर के मामलों की जांच के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकार क्षेत्र को चुनौती देता है।

    जस्टिस रेखा पल्ली ने इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए सुनवाई टाल दी कि अमेज़न होलसेल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा उपस्थित हुए। अमेज़न लिमिटेड ने कुछ निर्णयों पर भरोसा करने की मांग की, जिनकी कॉपी बुधवार सुबह को ही सौंपी गईं।

    ईडी की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू द्वारा मौखिक आश्वासन दिया गया कि बढ़ते COVID-19 मामलों को देखते हुए यह फिजिकल उपस्थिति पर जोर नहीं देगा और सुनवाई की अगली तारीख तक किसी को भी दिल्ली नहीं बुलाएगा।

    कोर्ट ने ईडी से कहा,

    "उन्हें न बुलाना ही सही है।"

    सुनवाई के दौरान लूथरा ने फेमा के तहत ईडी के क्षेत्राधिकार के दायरे का जिक्र करते हुए दो बार दलीलें दीं। एक, ईडी पेश होने पर जोर नहीं देगा और दूसरा, उसे कानूनी राय और कानूनी सलाह नहीं लेनी चाहिए।

    इसके बाद सुनवाई स्थगित कर दी गई।

    अमेज़न होलसेल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने इसे मछली पकड़ने और चल रही जांच बताते हुए दावा किया कि ईडी ने अपने कर्मचारियों को एक लेनदेन के लिए विभिन्न सम्मन जारी किए थे जो पूरी तरह से असंबद्ध है।

    यह भी कहा गया कि ईडी ने उनमें से कुछ कानूनी सलाह और विशेषाधिकार प्राप्त कानूनी राय मांगी है जो समय-समय पर भारत में अमेज़न की भारतीय सहायक कंपनियों द्वारा प्राप्त की गई हैं।

    अमेज़न एनवी और फ्यूचर ग्रुप के बीच विवाद का उल्लेख करते हुए याचिका में कहा गया कि ईडी से अमेज़न इंडिया को एक निर्देश प्राप्त हुआ। इसमें मध्यस्थता से संबंधित जानकारी की मांग की गई। इन मामलों की जांच पहले से ही ईडी के बैंगलोर क्षेत्रीय कार्यालय द्वारा की जा रही थी।

    याचिकाकर्ता का यह मामला था कि निर्देश में मांगे गए 16 दस्तावेजों में से 10 फ्यूचर ग्रुप और अमेज़न एनवी के साथ लेनदेन से संबंधित है, न कि अमेज़न इंडिया और अमेज़न सेलर सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड से।

    तदनुसार, यह प्रस्तुत किया गया कि उक्त निर्देश अमेज़न इंडिया को संबोधित किया गया और प्राप्त किया गया। इसका फ्यूचर ग्रुप या अमेज़न एनवी के फ्यूचर ग्रुप में निवेश के साथ प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कोई लेना-देना नहीं है।

    याचिका में कहा गया,

    "जैसा कि कहा गया कि जांच केवल "फ्यूचर ग्रुप" से संबंधित है, ईडी कई संस्थाओं से पिछले 10 वर्षों में खर्च किए गए कानूनी शुल्क के बारे में डेटा मांग रहा है जो फ्यूचर लेनदेन से जुड़े नहीं हैं। इस संबंध में यह ध्यान दिया जा सकता है कि अमेज़न एनवी के साथ फ्यूचर ग्रुप का लेन-देन केवल 2019 में हुआ था। ईडी द्वारा मांगे गए अन्य दस्तावेजों के साथ उठाए गए ये सवाल कम पानी में मछली पकड़ने और जांच घूमने की ओर इशारा करते हैं।"

    तदनुसार, याचिका में 19 फरवरी, 2021 के निर्देश और मामले में ईडी द्वारा शुरू की गई अन्य सभी कार्यवाही को रद्द करने की प्रार्थना की गई।

    इसने ईडी को कानूनी विशेषाधिकार के तहत आने वाले मामलों में जांच नहीं घूमने और फेमा के दायरे से बाहर आने वाली जानकारी की तलाश करने के निर्देश देने की भी प्रार्थना की गई।

    केस शीर्षक: अमेज़न होलसेल (इंडिया) प्रा. लिमिटेड और अन्य बनाम प्रवर्तन निदेशालय और अन्य के माध्यम से।

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