महिला साइकिलिस्ट ने भारतीय स्प्रिंट टीम कोच पर 'अनुचित व्यवहार' करने का आरोप लगायाः एनएचआरसी ने स्वतः संज्ञान लिया

Manisha Khatri

11 Jun 2022 6:30 AM GMT

  • महिला साइकिलिस्ट ने भारतीय स्प्रिंट टीम कोच पर अनुचित व्यवहार करने का आरोप लगायाः एनएचआरसी ने स्वतः संज्ञान लिया

    राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग(एनएचआरसी) ने शुक्रवार को उस मीडिया रिपोर्ट पर स्वतः संज्ञान लिया है,जिसमें एक भारतीय महिला साइकिल चालक(साइकिलिस्ट) ने स्लोवेनिया में एक शिविर(कैंप) के दौरान राष्ट्रीय स्प्रिंट टीम के मुख्य कोच आर के शर्मा पर ''अनुचित व्यवहार'' करने का आरोप लगाया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) को भेजे गए ईमेल में शिकायत दर्ज कराई गई है।

    साई ने एक बयान में कहा है कि शिकायतकर्ता को उसकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए 'तुरंत' भारत वापस लाया गया है। साई और साइक्लिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (सीएफआई) ने आरोपों की जांच के लिए दो अलग-अलग जांच समितियों का गठन किया है।

    शिकायत दर्ज करने के कुछ दिनों बाद ही साई ने मुख्य कोच आरके शर्मा के अनुबंध को यह कहते हुए समाप्त कर दिया कि 'प्रथम दृष्टया, मामला स्थापित हो गया है और एथलीट के आरोप सही पाए गए हैं।'

    एनएचआरसी ने अपने प्रकाशित बयान में कहा है कि अगर घटना सही पाई जाती है तो यह पीड़ित खिलाड़ी के मानवाधिकारों का उल्लंघन है और तदनुसार, उन्होंने सचिव, केंद्रीय युवा मामले और खेल मंत्रालय और भारतीय खेल प्राधिकरण के महानिदेशक को नोटिस जारी कर इस मामले में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।

    बयान में कहा गया है कि, ''आयोग ने पाया है कि मीडिया रिपोर्ट की सामग्री, यदि सही है, तो यह पीड़ित खिलाड़ी के मानवाधिकारों का उल्लंघन के समान है। तदनुसार, आयोग ने सचिव, केंद्रीय युवा मामले और खेल मंत्रालय और भारतीय खेल प्राधिकरण के महानिदेशक को नोटिस जारी कर इस मामले में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। इस रिपोर्ट में पीड़ित के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य की स्थिति के साथ-साथ संबंधित कोच सहित जिम्मेदार अधिकारी के खिलाफ की गई कार्रवाई, यदि कोई हो तो उसकी जानकारी भी शामिल होनी चाहिए। यह रिपोर्ट चार सप्ताह के भीतर दायर की जानी है। आयोग यह भी जानना चाहेगा कि क्या अधिकारियों ने पीड़िता को कोई विशेष परामर्श प्रदान किया है।''

    नोटिस जारी करते हुए, आयोग ने यह भी कहा है कि भारत सरकार खेल, कला और संस्कृति गतिविधियों आदि सहित हर क्षेत्र में महिलाओं की अधिकतम भागीदारी पर ईमानदारी से ध्यान केंद्रित कर रही है।

    एनएचआरसी ने आगे कहा है कि यह जानकारी काफी 'अजीब' है कि भारतीय खेल प्राधिकरण ने कथित तौर पर कोच पर लगाम लगाने के बजाय पीड़िता को भारत वापस लाने का फैसला किया है, जिस कारण वह विदेश में मिलने वाले उस प्रशिक्षण से वंचित हो गई है, जिसके लिए उसे चुना गया था।

    यह मानते हुए कि पीड़िता की गरिमा के अधिकार का उल्लंघन किया गया है और यह घटना कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम 2013 के दायरे में आती है, एनएचआरसी ने आगे कहा,

    ''पीड़िता के सम्मान के अधिकार का उल्लंघन किया गया है, खासतौर पर इस तथ्य पर विचार करते हुए कि कोच और खिलाड़ी के बीच एक विश्वास का संबंध होता है, जहां कोच को खिलाड़ी की भलाई और कल्याण की देखभाल करने के लिए एक विश्वास के साथ रखा जाता है। आयोग की यह भी राय है कि यदि समाचार रिपोर्ट में उल्लिखित आरोप सही हैं और इस तरह की घटनाओं के संबंध में अधिकारियों द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जाती है, तो अन्य महिला खिलाड़ी न केवल असुरक्षित महसूस करेंगी बल्कि भविष्य में अपराधियों के खिलाफ शिकायत करने की भी अनिच्छुक होंगी क्योंकि उनको यही डर रहेगा कि अगर उन्होंने शिकायत की तो उन्हें भी उनके प्रशिक्षण के दौरान बीच में ही वापस बुलाया जा सकता है। यह विषय कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम 2013 के दायरे में भी आता है, चूंकि एक्ट की धारा 2 (ओ) (iv) स्पष्ट रूप से यह परिभाषित करती है कि कार्यस्थल में कोई भी खेल संस्थान, स्टेडियम, खेल परिसर या प्रतियोगिता या खेल स्थल शामिल है, चाहे आवासीय हो या प्रशिक्षण, खेल या उससे संबंधित अन्य गतिविधियों के लिए उपयोग नहीं किया जाता हो। इसलिए, साई अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार मामले की जांच कराने के लिए भी बाध्य है।''

    शर्मा, एक सेवानिवृत्त वायु सेना मानव संसाधन प्रबंधक है,जो 2014 से राष्ट्रीय कोच हैं और इस अवधि के दौरान उसने कई जूनियर और वरिष्ठ साइकिल चालकों के साथ काम किया है। उनके नेतृत्व में टीम 18 से 22 जून तक नई दिल्ली में होने वाली एशियाई चौंपियनशिप की तैयारी करने के लिए स्लोवेनिया गई थी।

    हालांकि, महिला साइकिलिस्ट - टीम के साथ जाने वाली एकमात्र महिला थी और उसने अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि शर्मा ने उसे अपने कमरे में रहने के लिए मजबूर किया, उससे ''प्रशिक्षण के बाद मालिश'' कराने की पेशकश की। इतना ही नहीं उसने ''जबरदस्ती'' उसे अपनी ओर खींचने की कोशिश की और कैंप के दौरान ''उसके साथ सोने'' के लिए भी कहा था। उसने यह बताया कि कोच ने उससे कहा था कि वह चाहता है कि वह 'उसकी पत्नी' बने।

    जब उसने इसका विरोध किया, तो शर्मा ने कथित तौर पर ''उसे एनसीओई से हटाकर'' उसके करियर को खत्म करने की धमकी दी, और कहा कि वह पूरी तरह यह सुनिश्चित कर देगा कि वह ''सड़क पर सब्जियां बेचने'' को मजबूर हो जाए। शिकायत के अनुसार, साइकिल चालक ने इस घटना के बाद कैंप को बीच में ही छोड़ दिया, लेकिन उसके भारत वापस आने से पहले ही शर्मा ने उसके परिवार को फोन किया और उनसे कहा कि वह उसकी शादी कर दें क्योंकि उसका खेल में कोई भविष्य नहीं है।

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