अवैध संबंध में पत्नी के पति को झूठा फंसाने की आशंका, पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने संभावित एफआईआर की गहन जांच के आदेश दिए
Sharafat
23 Oct 2023 10:12 AM IST

Punjab & Haryana High Court
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने एक "अत्यधिक सावधानी" के रूप में अवैध संबंध के मामले में पत्नी द्वारा अपने पति के खिलाफ दर्ज की गई किसी भी शिकायत या एफआईआर की गहन जांच करने का निर्देश दिया है, ताकि पति को व्यर्थ मुकदमे में न घसीटा जाए।
जस्टिस आलोक जैन ने देखा कि पत्नी और उसके साथी द्वारा दायर सुरक्षा याचिका बिना किसी योग्यता के है और कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग है।
बेंच ने कहा,
“याचिकाकर्ता नंबर 1 को एक महिला होने के नाते वैवाहिक घर में पर्याप्त अधिकार हैं, लेकिन जाहिर तौर पर वर्तमान मामले में ऐसा लगता है कि याचिकाकर्ता अपने अवैध संबंधों में फंस गई है और इस याचिका को खारिज करने से उसके पति के खिलाफ विभिन्न मुकदमे दर्ज हो सकते हैं।”
कोर्ट ने आगे कहा कि इसलिए एक "अत्यधिक सावधानी" के रूप में यह आदेश दिया जाता है कि यदि महिला इस मामले में उल्लिखित किसी भी आधार पर अपने पति के खिलाफ कोई शिकायत दर्ज करती है या कोई एफआईआर दर्ज करती है तो उसकी "पूरी तरह से जांच" की जानी चाहिए जिससे उसके पति को "किसी भी तुच्छ मुकदमे में न घसीटा जाए।"
अदालत की ये टिप्पणियां एक ऐसे जोड़े द्वारा दायर सुरक्षा याचिका पर सुनवाई करते हुए की गईं जो पहले से ही शादीशुदा थे और उनके पति या पत्नी के साथ बच्चे भी थे।
याचिका की जांच के बाद कोर्ट ने कहा कि वर्तमान याचिका में कोई योग्यता नहीं है और यह कानून की प्रक्रिया का स्पष्ट दुरुपयोग है।
सुरक्षा की मांग कर रही महिला अगर पति के खिलाफ दहेज मांगने या जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज कराती है तो अदालत ने ठोस सबूत खोजने का निर्देश देते हुए यह भी स्पष्ट किया कि यदि मामला पहले से ही दायर है तो उस पर तदनुसार कार्रवाई की जाएगी।
न्यायालय ने आगे स्पष्ट किया कि याचिकाकर्ताओं के संबंधित पति-पत्नी को सुरक्षा याचिका दायर करने को "उनके प्रति क्रूरता" के रूप में लेने की अनुमति है।
यह देखते हुए कि याचिका वापस ले ली गई है, कोर्ट ने यह कहते हुए याचिका खारिज कर दी कि, “वर्तमान याचिका जुर्माने के साथ खारिज करने योग्य है, हालांकि, एक उदार दृष्टिकोण अपनाते हुए वर्तमान याचिका को गुण-दोष पर कोई राय व्यक्त किए बिना याचिका वापस ली हुई मानकर उसे खारिज कर दिया।

