"पीड़िता और आरोपी दोनों प्रतिभाशाली छात्र होने के नाते राज्य की भविष्य की संपत्ति हैं": गुवाहाटी हाईकोर्ट ने आईआईटी बलात्कार मामले में छात्र को जमानत दी

LiveLaw News Network

23 Aug 2021 4:01 PM IST

  • पीड़िता और आरोपी दोनों प्रतिभाशाली छात्र होने के नाते राज्य की भविष्य की संपत्ति हैं: गुवाहाटी हाईकोर्ट ने आईआईटी बलात्कार मामले में छात्र को जमानत दी

    Gauhati High Court

    गुवाहाटी हाईकोर्ट ने हाल ही में एक छात्र को जमानत दी जो आईआईटी, गुवाहाटी बलात्कार मामले में एक आरोपी है, यह देखते हुए कि एक प्रतिभाशाली छात्र होने के नाते आरोपी राज्य की भविष्य की संपत्ति है।

    न्यायमूर्ति अजीत बोरठाकुर की पीठ ने कहा कि प्रथम दृष्टया छात्र-आरोपी के खिलाफ बलात्कार का अपराध बनाया गया है, जिसके खिलाफ आईपीसी की धारा 376/328/307/120बी के तहत चार्जशीट दायर की गई है।

    कोर्ट ने जमानत देते हुए कहा,

    "चूंकि मामले में जांच पूरी हो गई है और मुखबिर/पीड़ित लड़की और आरोपी दोनों ही आईआईटी, गुवाहाटी में टेक्नीकल पाठ्यक्रम के प्रतिभाशाली छात्र हैं, जो 19 से 21 वर्ष के आयु वर्ग के युवा हैं, राज्य की भविष्य की संपत्ति हैं। दो अलग-अलग राज्यों से आते हैं। यदि आरोप तय किए गए हैं तो मामले के ट्रायल के हित में आरोपी की हिरासत जारी रखना आवश्यक नहीं है।"

    संक्षेप में मामला

    अभियोजन पक्ष के अनुसार, 28 मार्च, 2021 को रात लगभग 9 बजे, आरोपी, आईआईटी गुवाहाटी के एक छात्र ने मुखबिर/पीड़िता को स्कूल परिसर में फुसलाया।

    आरोपी ने छात्रा को आई.आई.टी., गुवाहाटी के छात्रों के वित्त और आर्थिक क्लब के संयुक्त सचिव के रूप में अपनी जिम्मेदारी पर चर्चा करने के बहाने ले गया।

    पीड़िता-छात्रा को बेहोश करने के बाद जबरन शराब पिलाकर आरोपी ने उसके साथ दुष्कर्म किया और पीड़िता को अगले दिन सुबह करीब 5 बजे ही होश आया।

    गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (जीएमसीएच), गुवाहाटी में उसका इलाज और फोरेंसिक जांच आदि हुई और उसके बाद उसे 29.03.2021 को जीएमसीएच, गुवाहाटी से छुट्टी दे दी गई और फिर आईआईटी, गुवाहाटी के अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया, जहां 03.04.2021 तक इलाज चला।

    न्यायालय की टिप्पणियां

    न्यायालय ने प्राथमिकी, मेडिकल रिपोर्ट और सीआरपीसी की धारा 161 और 164 के तहत बयान, चार्जशीट की सामग्री, तथ्य-खोज समिति की रिपोर्ट आदि जैसे प्रासंगिक दस्तावेजों के संदर्भ में दोनों पक्षकारों के वकीलों को सुनने के बाद कहा कि आरोपी याचिकाकर्ता के खिलाफ आरोप के रूप में एक स्पष्ट प्रथम दृष्टया मामला है।

    हालांकि, अदालत ने आरोपी को जमानत देने के लिए निम्नलिखित कारकों को ध्यान में रखा:

    1. मामले की जांच पूरी हो चुकी है।

    2. सूचना देने वाली/पीड़िता लड़की और आरोपी दोनों राज्य की भविष्य की संपत्ति हैं क्योंकि प्रतिभाशाली छात्र आई.आई.टी., गुवाहाटी में तकनीकी पाठ्यक्रम में पढ़ाई कर रहे हैं।

    3. वे केवल 19 से 21 वर्ष के आयु वर्ग के युवा हैं।

    4. वे दो अलग-अलग राज्यों से संबंधित हैं; तथा

    5. यदि आरोप तय किए गए हैं तो मामले के ट्रायल के हित में आरोपी की हिरासत जारी रखना आवश्यक नहीं है।

    अंत में यह देखते हुए कि जमानत पर रिहा होने पर आरोपी द्वारा अपने सबूतों के साथ छेड़छाड़ या उन्हें प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करने की कोई संभावना नहीं है, अदालत ने जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया।

    केस का शीर्षक - उत्सव कदम बनाम असम राज्य

    आदेश की कॉपी यहां पढ़ें:



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