मैंने खुद ग्रेटर मुंबई नगर निगम वार्ड से समीर वानखेड़े के जन्म रिकॉर्ड की जांच की: नवाब मलिक ने बॉम्बे हाईकोर्ट में कहा

LiveLaw News Network

12 Nov 2021 4:18 AM GMT

  • मैंने खुद ग्रेटर मुंबई नगर निगम वार्ड से समीर वानखेड़े के जन्म रिकॉर्ड की जांच की: नवाब मलिक ने बॉम्बे हाईकोर्ट में कहा

    बॉम्बे हाईकोर्ट के समक्ष एक अतिरिक्त हलफनामे में महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री नवाब मलिक ने कहा कि उन्होंने ग्रेटर मुंबई नगर निगम द्वारा बनाए गए बर्थ रजिस्टर से एनसीबी के क्षेत्रीय निदेशक समीर वानखेड़े के जन्म रिकॉर्ड की जांच की है।

    मलिक ने मानहानि के मुकदमे में हलफनामा दायर कर अपनी इस दलील की पुष्टि की कि समीर वानखेड़े ने मुस्लिम पैदा होने के बावजूद अनुसूचित जाति से होने का दावा करते हुए केंद्र सरकार की नौकरी हासिल की।

    समीर वानखेड़े के पिता ने राज्य के अल्पसंख्यक विकास मंत्री नवाब मलिक के खिलाफ 1.25 करोड़ रुपए ए हर्जाने की मांग करते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट में मानहानि का मुकदमा दायर किया है।

    ध्यानदेव वानखेड़े (72) ने अदालत से एक घोषणा की मांग की है कि मलिक की टिप्पणी, जो प्रेस विज्ञप्ति या साक्षात्कार या सोशल मीडिया, उनके ट्विटर अकाउंट तक सीमित नहीं है, वह "प्रकृति में अपमानजनक और मानहानिकारक" हैं।

    बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार को नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े के पिता को यह दिखाने के लिए कहा कि महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री नवाब मलिक द्वारा उनके बेटे के खिलाफ किए गए ट्वीट झूठे हैं।

    मलिक ने कहा कि उन्होंने ट्वीट और उनके द्वारा भरोसा किए गए सभी दस्तावेजों का उचित रूप से सत्यापन किया है, जिन पर वानखेड़े मानहानि का आरोप लगा रहे हैं। दस्तावेजों में वानखेड़े का जन्म प्रमाण पत्र, उनकी पहली शादी का निकाहनामा और सोशल मीडिया पर ट्वीट शामिल हैं।

    हलफनामे में कहा गया है,

    "मैं कहता हूं कि जहां तक समीर वानखेड़े के जन्म प्रमाण पत्र का संबंध है, उसका रिकॉर्ड ग्रेटर मुंबई नगर निगम के ई-वार्ड द्वारा रखा जाता है। मैं कहता हूं कि मैंने इसकी और समीर वानखेड़े के जन्म की प्रविष्टि की जांच की है, जिसे निगम द्वारा बनाए रखा गया है, संबंधित वर्ष के क्रमांक 3744 पर जन्म के रिकॉर्ड के लिए बनाए गए रजिस्टर में पाया जा सकता है।"

    मलिक का कहना है कि उन्हें पहली पत्नी के रिश्तेदार से निकाहनामा की एक प्रति मिली है। जहां तक बाकी सोशल मीडिया ट्वीट्स का सवाल है, मलिक ने कहा कि वानखेड़े खुद कहते हैं कि जानकारी उनके सोशल मीडिया अकाउंट्स से रीपोस्ट की गई है।

    हलफनामे में कहा गया है,

    "मैं कहता हूं कि वादी ने पूरे वाद में यह साबित नहीं किया है कि जन्म प्रमाण पत्र या निकाहनामा झूठे और मनगढ़ंत हैं और न ही इस बात से इनकार किया है कि प्रतिवादी द्वारा पुन: प्रस्तुत किए गए पद उनके द्वारा पोस्ट नहीं किए गए हैं।"

    मानहानि मामले की सुनवाई आज होगी।

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