[वीसी सुनवाई] इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वकील के यूनिफॉर्म में न होने के कारण अपना कैमरा ऑन करने से इनकार करने पर मामला स्थगित किया

LiveLaw News Network

12 Feb 2022 6:30 AM GMT

  • [वीसी सुनवाई] इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वकील के यूनिफॉर्म में न होने के कारण अपना कैमरा ऑन करने से इनकार करने पर मामला स्थगित किया

    इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शुक्रवार को एक ज़मानत याचिका पर सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ता के वकील के यूनिफॉर्म (पोशाक) में न होने के कारण अपना कैमरा ऑन करने से इनकार करने पर मामला स्थगित कर दिया।

    जस्टिस समित गोपाल की खंडपीठ ने इसे 'आपत्तिजनक' कहा और मामले को आगे की सुनवाई के लिए 15 मार्च, 2022 को सूचीबद्ध किया।

    वकील को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई में शामिल किया गया। सुनवाई के दौरान वकील का कैमरा बंद था। जब उन्हें अपना कैमरा चालू करने का निर्देश दिया गया तो उन्होंने कहा कि चूंकि वह समुचित पोशाक में नहीं हैं इसलिए वह कैमरा चालू नहीं कर सकते।

    इस पर कोर्ट ने इसे आपत्तिजनक बताते हुए राज्य के वकील की मौजूदगी दर्ज कर मामले को स्थगित कर दिया।

    संबंधित समाचारों में, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पिछले साल वीसी मोड के माध्यम से हो रही सुनवाई के दौरान एक अन्य व्यक्ति के साथ "नंगे शरीर और बिना शर्ट के" एक अन्य व्यक्ति के साथ स्क्रीन पर दिखाई देने पर एक वकील को फटकार लगाई थी।

    पिछले साल ही, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शुक्रवार को वाले वकील जैसे ही एक अन्य वकील के कृत्य को 'अस्वीकार्य' करार दिया था। वह वकील उस समय खुद को तैयार करने की कोशिश कर रहा था जब अदालत जमानत याचिका में आदेश सुना रही थी।

    अदालत ने कहा,

    "आवेदक की ओर से पेश वकील अदालत के कामकाज के तौर-तरीकों के अनुसार उचित पोशाक में नहीं हैं। जब आदेश दिया जा रहा है तो वह तैयार होने की कोशिश कर रहे हैं। यह स्वीकार्य नहीं है।"

    जून, 2021 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कार में बैठकर केस पर बहस करने की कोशिश करने पर एक वकील की खिंचाई की थी। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को अदालतों को संबोधित करते हुए वकीलों के लिए 'क्या करें और क्या न करें' के लिए नियमों का एक सेट तैयार करने का भी निर्देश दिया था।

    जस्टिस राहुल चतुर्वेदी की पीठ का यह आदेश हाईकोर्ट के बार संघों के पदाधिकारियों द्वारा अपने सदस्यों को सलाह देने के लिए कहे जाने के कुछ दिनों बाद आया है कि वर्चुअल मोड के माध्यम से इस न्यायालय के समक्ष पेश होने के दौरान कोई आकस्मिक दृष्टिकोण न अपनाएं, जिससे न्याय प्रशासन में बाधा उत्पन्न हो सकती है।

    केस टाइटल - अजय बनाम स्टेट ऑफ यू.पी. सचिव गृह के माध्यम से

    ऑर्डर डाउनलोड करने के लिए यहां क्लिक करें



    Next Story