उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को बम से उड़ाने की धमकी: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आरोपी की बिना शर्त माफी को देखते हुए उसे जमानत दी

SPARSH UPADHYAY

10 Dec 2020 6:16 AM GMT

  • उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को बम से उड़ाने की धमकी: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आरोपी की बिना शर्त माफी को देखते हुए उसे जमानत दी

    इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने मंगलवार (08 दिसंबर) को कामरान अमीन खान नाम के एक 25 वर्षीय युवक को जमानत दे दी, जिसने कथित तौर पर एक व्हाट्सएप संदेश भेजा था जिसमें यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बम से मारने की धमकी दी गई थी।

    न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की खंडपीठ आवेदक (कामरान अमीन खान) की ओर से धारा 505 (1) (बी), 505 (2), 120 बी, 506, 507 आईपीसी और 66 (एफ) सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के तहत दर्ज एफआईआर के मामले में जमानत देने को लेकर दायर अर्जी पर सुनवाई कर रही थी।

    आवेदक-अभियुक्त के खिलाफ आरोप

    आरोपी-आवेदक के खिलाफ आरोप यह है कि उसने उत्तर प्रदेश पुलिस मुख्यालय के सोशल मीडिया डेस्क से जुड़े एक नंबर पर एक व्हाट्सएप संदेश भेजा था जिसमे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को बम से उड़ाने की धमकी दी गयी थी।

    इस व्हाट्सएप मैसेज के मिलने के बाद पुलिस ने एफआईआर दर्ज की थी।

    एक अधिकारी ने कहा,

    "खतरे की गंभीरता को देखते हुए, यूपी स्पेशल टास्क फोर्स ने मेसेज करने वाले की लोकेशन ट्रेस करना शुरू कर दिया, जिसे बाद में मुंबई के चूनाभट्टी में पाया गया।"

    उनके द्वारा भेजा गया संदेश इस प्रकार है: -

    "सीएम योगी को मैं बम से मरने वाला हूँ मुस्लमान के जान का दुश्मन है वो"।

    आरोपी-आवेदक को 23 मई 2020 को गिरफ्तार किया गया था और वह 26.05.2020 से जेल में बंद है।

    आरोपी-आवेदक ने कोर्ट में बिना शर्त माफी मांगी जिसे रिकॉर्ड पर लिया गया।

    अपने माफीनामे में, आरोपी ने कहा,

    "आरोपी / आवेदक अपनी गलत हरकत के लिए बिना शर्त माफी मांगता है और ईमानदारी से पछतावा कर रहा है और आरोपी/आवेदक भविष्य में ऐसा कोई कार्य नहीं करेगा।"

    उसके द्वारा अपने माफीनामा में यह भी कहा गया कि कोरोनोवायरस के प्रसार और राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के कारण अभूतपूर्व परिस्थितियों के कारण और वित्तीय संकट से उत्पन्न होने वाली सरासर हताशा और उसके कारण बेरोजगारी का उसे सामना करना पड़ रहा था और आरोपी / आवेदक उचित मनःस्थिति में नहीं था और वह अपने कार्य की प्रकृति का एहसास करने में असमर्थ था।

    मामले के तथ्यों और परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए, आरोपी-आवेदक द्वारा अपने कृत्य के लिए बिना शर्त क्षमा मांगे जाने के मद्देनजर, अदालत ने उसे जमानत दे दी।

    केस का शीर्षक - कामरान अमीन खान बनाम यू.पी. राज्य [BAIL No. - 2020 ऑफ़ 4499]

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